क्यों और कितने रविवार रखना चाहिए सूर्यदेव का व्रत, जानें यहां
हिन्दू धर्म में हर दिन का महत्व अलग होता है। हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। इसी तरह से रविवार का दिन सूर्यदेव का समर्पित है। इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं।
हिन्दू धर्म में हर दिन का महत्व अलग होता है। हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। इसी तरह से रविवार का दिन सूर्यदेव का समर्पित है। इस दिन लोग सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं। हिन्दू धर्म में रविवार को सर्वश्रेष्ठ वार माना गया है। मान्यता है कि अगर रविवार के दिन व्रत किया जाए और सच्चे मन से अराधना की जाए तो व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं कि कितने रविवार व्रत करना चाहिए और क्यों करना चाहिए।
जानें कितने रविवार रखें व्रत:
कहा जाता है कि सूर्य का व्रत एक वर्ष या 30 रविवार या 12 रविवारों तक करना चाहिए। इस दौरान एक समय भोजन करना चाहिए। भोजन करते समय ध्यान रखें कि ऊपर से नकम का इस्तेमाल न करें। साथ ही सूर्यास्त के बाद नमक का सेवन न करें। इससे स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ सकता है। साथ ही कार्य में बाधा भी आती है। इसके अलावा लोग चावल में दूध और गुड़ मिलाकर खाते हैं। इससे सूर्य के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।
जानें क्यों रखना चाहिए व्रत:
रविवार के दिन उपवास रखने से अच्छा स्वास्थ्य व तेजस्विता प्राप्त होती है। अगर इस दिन व्रत कथा सुनी जाए तो इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही मान-सम्मान, धन-यश तथा उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति भी होती है। यही नहीं, रविवार का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा भी होती है। अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक न हो तो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
डिसक्लेमर
'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '