जानें, नवरात्रि पर किस राशि वाले कौन से मंत्र का जाप करें
नवरात्र के नौ दिन नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अच्छा माना जाता है। इससे घर में समृद्धि आती है। पूजा समाप्ति के बाद उत्तर दिशा की ओर मुख कर निम्न मंत्रो का जाप अवश्य करें ।
नवरात्र के नौ दिन नियमित रूप से राशि अनुसार मंत्रों का जाप करने से बहुत सारी मुश्किलें हल हो सकती हैं अौर खुशहाल जीवन यापन किया जा सकता है। यदि मनुष्य मंत्रों का उच्चारण अपनी राशि अनुसार करे तो उसे विशेष फल अवश्य मिलता है। अगर आप दुर्गा सप्तशती नहीं कर सकते तो अपनी राशि अनुसार मंत्र उच्चारण नहीं कर सकते तो नमो देव्यै महा देव्यै शिवायै सतंत नमः का पाठ जरूर करें।
नवरात्र के नौ दिन नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अच्छा माना जाता है। इससे घर में समृद्धि आती है। लेकिन यदि पूरा पाठ नहीं कर सकते तो नियमित रूप से सामान्य पूजन के साथ अपनी राशि अनुसार मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जानें, किस राशि वाले कौन से मंत्र का करें जाप-
1. मेष - ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः माला 108 मोती की व
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम:
2. वृषभ- ऊं क्र क्रूं कालिका देव्यै नमः माला 108 मोती की
ओम महादेव्ये नमः व ॐ गौपालायै उत्तर ध्वजाय नम:
3. मिथुन- ऊं दुं दुर्गायै नमः माला 108 मोती की व ॐ क्लीं कृष्णायै नम:
4. कर्क- ऊं ललिता दैत्ये नमः माला 108 मोती की व ॐ हिरण्यगर्भायै अव्यक्त रूपिणे नम:
5. सिंह- ऊं ऐं महासरस्वती देव्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ क्लीं ब्रह्मणे जगदधारायै नम:
6. कन्या- ऊं शूल धारिणी देव्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ नमो प्रीं पीताम्बरायै नम:
7. तुला- ऊं हृीं महालक्ष्म्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ तत्व निरंजनाय तारक रामायै नम:
8. वृश्चिक- ऊं शक्तिरूपायै नमः माला 108 मोती की व ॐ नारायणाय सुरसिंहायै नम:
9. धनु- ऊं ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै नमः माला 108 मोती की व ॐ श्रीं देवकीकृष्णाय ऊर्ध्वषंतायै नम:
10. मकर- ऊं पां पार्वती देव्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ श्रीं वत्सलायै नम:
11. कुंभ- ऊं पां पार्वती देव्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ श्रीं उपेन्द्रायै अच्युताय नम:
12. मीन- ऊं श्री हृीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः माला 108 मोती की व ॐ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:
अगर दुर्गा पाठ न कर सकें तो मंत्र का जाप 51 बार करना चाहिए तभी पूर्ण फल प्राप्त होता है। हर दिन पूजा समाप्ति के बाद उत्तर दिशा की ओर मुख कर निम्न मंत्रो का जाप अवश्य करें ।
सिद्धिः सन्तु मम् कामः।।