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Solar Eclipse 2021: वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद खास है सूर्य ग्रहण, जानें-इससे जुड़े रोचक तथ्य

Solar Eclipse 2021 धार्मिक ग्रंथों की मानें तो सूतक काल में अन्न-जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से भी सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। इतिहास के पन्नों को पलटने पर पता चलता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कई खोज हुई है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 08:34 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 08:34 AM (IST)
Solar Eclipse 2021: वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद खास है सूर्य ग्रहण, जानें-इससे जुड़े रोचक तथ्य
Solar Eclipse 2021: वैज्ञानिक दृष्टि से बेहद खास है सूर्य ग्रहण, जानें-इससे जुड़े रोचक तथ्य

Solar Eclipse 2021: 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण पड़ने वाला है। इस समय नकरात्मक शक्तियां का प्रभाव पृथ्वी पर रहता है। इसके लिए सूर्य ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ काम करना वर्जित है। हालांकि, भारत में यह दिखाई नहीं देगा। इसके लिए भारत में सूतक काल भी लागू नहीं होगा। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो सूतक काल में अन्न-जल ग्रहण नहीं करना चाहिए। वहीं, वैज्ञानिक दृष्टि से भी सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। इतिहास के पन्नों को पलटने पर पता चलता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कई ऐसी खोज हुई हैं, जिससे विज्ञान को नया आयाम मिला है। इस दिन आकाश में कई ऐसी घटनाएं होती है, जिससे ब्रह्मांड को पढ़ने और जानने में बहुत मदद मिलती है। आइए, सूर्य ग्रहण से जुड़े वैज्ञानिक रोचक तथ्य जानते जानते हैं-

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- ऋग्वेद में सूर्य ग्रहण के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऋग्वेद की मानें तो अत्रिमुनि को सूर्य ग्रहण के बारे में पूरी जानकारी थी। कालांतर में यह विद्या उनके परिवार के लोगों को हासिल हुई। यह वर्तमान समय से 4000 ईसा पूर्व वर्ष की बात है।

-वैज्ञानिक दृष्टिकोण से 21वीं सदी में सबसे बड़ा पूर्ण सूर्य ग्रहण का समय 6 मिनट 18 सेकंड का था। जबकि, पूर्ण सूर्यग्रहण 11 मिनट का होता है। 4 दिसंबर को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण के दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण 1 मिनट का रहने वाला है।

-महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन को भी सूर्य ग्रहण के दौरान पिंडों के आकर्षण का पता चला था, जिससे साफ़ हुआ कि सभी पिंडों का प्रकाश एक दूसरे पर पड़ता है। इसके चलते उन्हें गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों के सत्यापित करने में मदद मिली थी।

-बात 1968 की है जब लार्कयर नामक वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण के समय आकाशीय हलचल पर अपनी पैनी नजर रखे हुए थे। उसी समय उन्हें वर्ण मंडल में हीलियम गैस दिखा, जिससे उनकी उत्सुकता और बढ़ गई। इसी उत्सुकता में उन्होंने हीलियम गैस की खोज की थी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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