Move to Jagran APP

लक्ष्‍मी के 18 पुत्रों के नामों के जाप करने से देवी होती हैं प्रसन्न

शुक्रवार को धन और संपदा की देवी लक्ष्‍मी की पूजा होती है। उनके और भगवान विष्‍णु के 18 पुत्र बताये गए हैं क्‍या आप जानते हैं कि उनके नाम क्‍या हैं।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 09:07 AM (IST)
लक्ष्‍मी के 18 पुत्रों के नामों के जाप करने से देवी होती हैं प्रसन्न
लक्ष्‍मी के 18 पुत्रों के नामों के जाप करने से देवी होती हैं प्रसन्न

माता लक्ष्‍मी के हैं 18 पुत्र  

loksabha election banner

मां लक्ष्‍मी धन-संपत्ति की देवी हैं जो जीवन में सुख-सौभाग्‍य को बनाएं रखती हैं। लक्ष्‍मी को भगवान विष्‍णु की अर्धंगिनी के रूप में पूजा जाता है। इन दोनों के 18 पुत्रों का विभिन्‍न ग्रंथों में उल्‍लेख मिलता है। ऐसी मान्‍यता है कि अगर पैसों की परेशानी हो तो मां लक्ष्‍मी के इन 18 पुत्रों का नाम लेने से तुरंत धन लाभ होता है। शुक्रवार को देवी की पूजा में इनके नाम के जाप से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्‍त होती है और समस्‍याओं से छुटकारा मिलता है।  

माता लक्ष्‍मी के पुत्रों के नाम

चलिए जानें मां लक्ष्‍मी के इन 18 पुत्रों के क्‍या नाम हैं। 1. देवसखा, 2. चिक्लीत, 3. आनन्द, 4. कर्दम, 5. श्रीप्रद, 6. जातवेद, 7. अनुराग, 8. सम्वाद, 9. विजय, 10. वल्लभ, 11. मद, 12. हर्ष, 13. बल, 14. तेज, 15. दमक, 16. सलिल, 17. गुग्गुल, 18. कुरूण्टक।

कैसा है लक्ष्मी का स्वरूप

लक्ष्मी प्रसन्नता की, उल्लास की, विनोद की देवी है। मान्यता है कि वह जहां रहेंगी हंसने-हंसाने का वातावरण बना रहेगा। अस्वच्छता भी दरिद्रता है, आैर सौन्दर्य, स्वच्छता आैर कलात्मक सज्जा का ही दूसरा नाम है। लक्ष्मी सौन्दर्य की देवी हैं, वे जहां रहेगी वहां स्वच्छता, प्रसन्नता, सुव्यवस्था, श्रमनिष्ठा एवं मितव्ययिता का वातावरण बना रहेगा। लक्ष्मी का अभिषेक दो हाथी करते हैं। वह कमल के आसन पर विराजमान है। कमल कोमलता का प्रतीक है। लक्ष्मी के एक मुख, चार हाथ हैं। वे एक लक्ष्य और चार प्रकृतियों (दूरदर्शिता, दृढ़ संकल्प, श्रमशीलता एवं व्यवस्था शक्ति) के प्रतीक हैं। दो हाथों में कमल-सौन्दर्य और प्रामाणिकता का प्रतीक है। दान मुद्रा से उदारता तथा आशीर्वाद मुद्रा से अभय अनुग्रह की पहचान होती है। उनका वाहन उल्लू, निर्भीकता अंधकार में राह ढूंढ लेने की क्षमता का प्रतीक है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.