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Rama Ekadashi 2020 Date: आज है रमा एकादशी, जानें व्रत का मुहूर्त, पारण का समय और महत्व

Rama Ekadashi 2020 Date कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी माता लक्ष्मी के एक नाम रमा के नाम पर है। मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी का रमा नाम बहुत ​​प्रिय है।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 10:12 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 09:24 AM (IST)
Rama Ekadashi 2020 Date: आज है रमा एकादशी, जानें व्रत का मुहूर्त, पारण का समय और महत्व
जानें कब है रमा एकादशी, जानें व्रत का मुहूर्त, पारण का समय और महत्व

Rama Ekadashi 2020 Date: हिन्दी पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी ति​थि को रमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी माता लक्ष्मी के एक नाम रमा के नाम पर है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु को माता लक्ष्मी का रमा नाम बहुत ​​प्रिय है। इस बार रमा एकादशी 11 नवंबर दिन बुधवार को है। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। आइए जानते हैं रमा एकादशी व्रत का मुहूर्त, पारण का समय तथा इसके महत्व के बारे में।

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रमा एकादशी व्रत मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 11 नवंबर दिन बुधवार को तड़के 03 बजकर 22 मिनट से हो रहा है, जो 11 नवंबर की देर रात 12 बजकर 40 मिनट तक ​है। ऐसे में इस बार रमा एकादशी का व्रत 11 नवंबर को रखा जाएगा।

रमा एकादशी व्रत का पारण

एकादशी का व्रत का पारण हमेशा ही अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है, लेकिन इसमें ध्यान रखा जाता है ​कि द्वादशी तिथि के समापन से पूर्व पारण कर लिया जाए। रमा एकादशी का व्रत रखने वाले लोगों को 12 नवंबर दिन गुरुवार को सुबह 06 बजकर 50 मिनट से सुबह 08 बजकर 59 मिनट के मध्य कर लेना चाहिए। कार्तिक कृष्ण द्वादशी तिथि का समापन 12 नवंबर को रात 09 बजकर 30 मिनट पर हो रहा है।

रमा एकादशी व्रत का महत्व

रमा एकादशी व्रत का महत्व तो स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है। उन्होंने कहा था कि रमा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है तथा इसकी कथा का श्रवण करने से उसे जीवन के अंत में बैकुण्ठ प्राप्त होता है। रमा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से परिवार में सुख शांति के साथ समृद्धि का भी वास होता है। कई स्थानों पर रमा एकादशी के दिन से ही लक्ष्मी पूजा का प्रारंभ माना जाता है। रमा एकादशी से 3 या 4 दिन बाद ही दिवाली का त्योहार होता है। कार्तिक अमावस्या के दिन दिवाली होती है और इस दिन भी गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होती है।


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