सिंहस्थ के प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम को प्रदेश में अपनाने की तैयारी
सिंहस्थ (2016) के दौरान अपनाए गए प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम को अब पूरे प्रदेश में लागू करने की कवायद की जा रही है।
उज्जैन। सिंहस्थ (2016) के दौरान अपनाए गए प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम को अब पूरे प्रदेश में लागू करने की कवायद की जा रही है। सिंहस्थ में इस सिस्टम के अच्छे परिणाम सामने आए। इस कारण जो भी नए प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे, उनकी मॉनीटरिंग इसी के माध्यम से की जाएगी।
सिंहस्थ में करीब 4 हजार करोड़ के निर्माण कार्य हुए। इन कार्यों की मॉनीटरिंग के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई गई थी। इससे कम्प्यूटर के माध्यम से ही यह पता चल जाता था कि किस विभाग ने किस प्रोजेक्ट पर कितना कार्य किया है।
इसी के आधार पर राशि जारी की गई। मप्र राज्य योजना आयोग ने इसी प्रणाली को अपनाने का फैसला किया है। इससे प्रदेश के लिए जितने भी नए प्रोजेक्ट बनेंगे, उनके लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट बनाई जाएगी। इस सिलसिले में राज्य स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है।
सिंहस्थ में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के सदस्य सुमंत सानिग्रही इसका प्रजेंटेशन भोपाल में दे चुके हैं। राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष बाबूलाल जैन के निर्देश पर एसीएस दीपक खांडेकर इस योजना पर काम कर रहे हैं।
इसके लिए मॉनीटरिंग पूल बनाने की तैयारी चल रही है। इससे प्रदेश के हर प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग की जाएगी। प्रोजेक्ट के लिए कितना काम हो चुका है, उसके अनुसार ही राशि स्वीकृत हो सकेगी। काम न होने की स्थिति में पैसा नहीं दिया जाएगा।
अभी तैयारी चल रही
सिंहस्थ में अपनाए गए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट सिस्टम को पूरे प्रदेश के प्रोजेक्ट के लिए अपनाने पर विचार चल रहा है। इसके लिए तैयारी चल रही है। जल्द ही इस पर कोई फैसला होगा।
बाबूलाल जैन, उपाध्यक्ष राज्य योजना आयोग