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Pradosh Vrat 2021: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानें किस मुहूर्त में करें पूजा और क्या है इस दिन का महत्व

Pradosh Vrat 2021 हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। हर माह दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस व्रत का नाम प्रदोष माना गया है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 07:35 AM (IST)
Pradosh Vrat 2021: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानें किस मुहूर्त में करें पूजा और क्या है इस दिन का महत्व
Pradosh Vrat 2021: आज है शनि प्रदोष व्रत, जानें किस मुहूर्त में करें पूजा

Pradosh Vrat 2021: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। हर माह दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस व्रत का नाम प्रदोष माना गया है। इस व्रत का नाम प्रदोष व्रत का नाम और फल वार के अनुसार होता है। इस बार का प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है। इसी के चलते इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 अप्रैल 2021 को पड़ रही है। इसी दिन शनि प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस दिन शंकर जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही जीवन से कष्ट भी दूर हो जाते हैं। इस बार त्रयोदशी पर ध्रुव योग बन रहा है। ऐसे में इस व्रत का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं इस व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व।

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शनि प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त:

चैत्र शुक्ल त्रयोदशी तिथि, 24 अप्रैल 2021, शनिवार

त्रयोदशी तिथि आरंभ- 24 अप्रैल 2021, शनिवार, शाम 7 बजकर 17 मिनट से 

त्रयोदशी तिथि समाप्त- 25 अप्रैल 2021, रविवार, शाम 04 बजकर 12 मिनट पर

पूजा का समय- 24 अप्रैल, शनिवार, शाम 07 बजकर 17 मिनट से रात 09 बजकर 03 मिनट तक

प्रदोष का व्रत महत्व:

प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त के बाद ही की जाती है। इसलिए शनि प्रदोष व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन का महत्व बेहद ही खास है। इस दिन अगर शिवजी और माता पार्वती की पूजा की जाए तो व्यक्ति पर शंकर जी की असीम कृपा बनी रहती है। इसके साथ ही भक्तों के जीवन से कष्टों का निवारण भी होता है। जो प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है उसे करने से शनि के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही साढ़े साती और ढैय्या में भी लाभ की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि अगर शनि प्रदोष व्रत किया जाए तो निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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