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सकारात्मक दृष्टिकोण देता है जीवन को वास्तविक खुशी

सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन को जहां आनंदित करता है वहीं कुछ अनूठा एवं विलक्षण करने की पात्रता भी प्रदान करता है। इन्हीं स्थितियों में हम कई बड़े-बड़े और अनूठे काम कर गुजरते हैं। सकारात्मकता नैतिक साहस को बढ़ाती है।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 12:08 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 12:08 PM (IST)
सकारात्मक दृष्टिकोण देता है जीवन को वास्तविक खुशी
सकारात्मक दृष्टिकोण देता है जीवन को वास्तविक खुशी

सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन को जहां आनंदित करता है, वहीं कुछ अनूठा एवं विलक्षण करने की पात्रता भी प्रदान करता है। इन्हीं स्थितियों में हम कई बड़े-बड़े और अनूठे काम कर गुजरते हैं। सकारात्मकता नैतिक साहस को बढ़ाती है। आमतौर पर युगों को बदलने वाले नायकों में ऐसे ही लक्षण देखने को मिलते हैं।

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हमें कुछ नया करने के लिए अपना नजरिया बदलना होगा। अंधेरों से लड़ने के दीपक जलाने होंगे। भगवान महावीर का कहना है-क्षण भर भी प्रमाद न हो। प्रमाद का अर्थ है-नैतिक मूल्यों को नकार देना, अपनों से पराया हो जाना, सही-गलत को समझने का विवेक न होना। ‘मैं’ का संवेदन भी प्रमाद है जो दुख का कारण बनता है। प्रमाद में हम खुद की पहचान औरों के नजरिये से, पसंद से करते हैं, जबकि स्वयं द्वारा स्वयं को देखने का क्षण ही चरित्र की सही पहचान बनता है। एक बच्चा एक आइसक्रीम पार्लर में पहुंचा। उसने काउंटर पर जाकर आइसक्रीम कप की कीमत पूछी। वेटर ने कप की कीमत 15 रुपये बताई। बच्चे ने अपना पर्स खोला और उसमें रखे पैसे गिने। फिर उसने पूछा, छोटे कप की कीमत क्या है? परेशान हुए वेटर ने कहा, 12 रुपये। लड़के ने उससे छोटा कप मांगा। वेटर को पैसे दिए और कप लेकर टेबल की ओर चला गया। जब वेटर खाली कप उठाने आया तो वह भाव-विभोर हो उठा। बच्चे ने वहां टिप के तौर पर तीन रुपये रखे थे। जो कुछ भी आपके पास है, उसी से आप दूसरों को खुशी दे सकते हैं, यही है वास्तविक जागृति स्वयं की स्वयं के प्रति।

यह आपका अपना विकल्प है, लेकिन व्यक्ति प्रमाद में जीता है। प्रमाद में बुद्धि जागती है और प्रज्ञा सोती है। इसलिए भीतर से अनजाना होकर व्यक्ति बाहर जीता है। चरित्र का सुरक्षा कवच अप्रमाद है, जहां जागती आंखों की पहरेदारी में बुराइयों की घुसपैठ संभव ही नहीं। बिना आदतन संस्कारों के बदले न सुख संभव है, न साधना और न साध्य।

ललित गर्ग

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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