Parivartani Ekadashi 2020 Significance: क्या है परिवर्तिनी एकादशी का महत्व, जानें यहां
Parivartani Ekadashi 2020 Significance आज परिवर्तिनी एकादशी व्रत है। हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है।
Parivartani Ekadashi 2020 Significance: आज परिवर्तिनी एकादशी व्रत है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को पद्मा एकादशी या परिवर्तिनी एकादशी मनाई जाती है। आज के दिन विष्णु भक्त पूरी श्रद्धा और सच्चे मन के साथ व्रत करते हैं। इस दिन विष्णु जी सोते हुए करवट बदलते हैं। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को विष्णु जी की कृपा मिलती है। इस एकादशी को वामन एकादशी, जयझूलनी एकादशी, डोल ग्यारस एकादशी आदि कई नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व।
जानें क्या है परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व:
मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस तिथि का महत्व बहुत ज्यादा है। कहा जाता है कि परिवर्तिनी एकादशी पर अगर पूरे विधि-विधान के साथ विष्णु जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो भी व्यक्ति विष्णु जी और उनके अवतारों की पूजा करता है भगवान उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। माना जाता है कि इस दिन विष्णु जी के पांचवे अवतार यानी वामन अवतार अवतरित हुए थे।
भगवान विष्णु चतुर्मास के समय सोते रहते हैं। ये चार महीने आषाढ़, सावन, भादों और आश्विन होते हैं। फिर देवोठनी एकादशी को विष्णु जी शयन से जाग जाते हैं। बता दें कि भाद्रपाद माह के शुक्लपक्ष की एकादशी को विष्णु जी करवट लेते हैं जिसे परिवर्तिनी एकादशी के रूप में मनाई जाती है। श्रीकृष्ण ने युद्धिष्ठिर को वामन एकादशी की कथा सुनाई थी। मान्यता है कि एकादशी की व्रत कथा पढ़ने से व्यक्ति को हजार अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है। इस दिन तीनों लोकों के स्वामी विष्णु जी की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। साथ ही उनकी आरती और एकादशी मंत्र भी पढ़ा जाता है। इससे व्यक्ति को शुभु फल प्राप्त होता है।