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Papakushan Ekadashi 2021: आज है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Papakushan Ekadashi 2021 अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल पापाकुंशा एकादशी 16 अक्टूबर दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने का विधान है।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 02:13 AM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 02:13 AM (IST)
Papakushan Ekadashi 2021: आज है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
आज है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Papakushan Ekadashi 2021: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का सभी एकादशियों में विशेष महत्व है। मान्यता है कि पापाकुंशा एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत रखने से यमलोक की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती है। घर, परिवार और मित्रों को भी पाप से मुक्ति मिलती है। इस साल पापाकुंशा एकादशी 16 अक्टूबर, दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने का विधान है। विधि पूर्वक भगवान विष्णु का व्रत और पूजन करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं इस साल पापाकुंशा एकादशी व्रत की सही तिथि और मूहुर्त....

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पापांकुशा एकादशी व्रत की तिथि, मुहूर्त

पापांकुशा एकादशी का व्रत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन रखा जाता है। पंचांग के अनुसार एकादशी की तिथि 15 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 05 मिनट से आरंभ होगी और एकादशी का समापन 16 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। एकादशी तिथि का सूर्योदय 16 अक्टूबर होने के कारण पापांकुशा एकादशी का व्रत 16 अक्टूबर, दिन शनिवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण 17 अक्टूबर को द्वादशी तिथि में स्नान और दान करके किया जाएगा।

पापांकुशा एकादशी व्रत की पूजन विधि

पापांकुशा एकादशी में भगवान विष्णु के पूजन का विधान है। व्रत के दिन प्रातःकाल में स्नान आदि से निवृत्त हो कर व्रत का संकल्प लें। पूजन स्थल पर कलश और विष्णु जी की प्रतिमा की स्थापना करें। भगवान विष्णु को धूप, दीप, हल्दि मिश्रित जल और पीले रंग का फूल चढ़ा कर पूजन करें। इसके बाद व्रत कथा का पाठ करना चाहिए तथा पूजन का अंत भगवान विष्णु की आरती गा कर किया जाता है। पापाकुंशा एकादशी के पूजन से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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