चमलियाल मेले ने मिटाई सरहद की दूरियां
ना गोलियों के धमाके, ना ही कोई तनाव। हर तरफ अमन और भाईचारे का माहौल। हर पल बंदूकें थामने वाले हाथ भी आज दुआ के लिए उठे और मिठाइयों व तोहफों का भी खूब आदान-प्रदान हुआ। मौका था भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चमलियाल मेले का। एक दिन के लिए ही
भारत-पाकिस्तान सीमा, जीरो लाइन (चमलियाल), जागरण टीम। ना गोलियों के धमाके, ना ही कोई तनाव। हर तरफ अमन और भाईचारे का माहौल। हर पल बंदूकें थामने वाले हाथ भी आज दुआ के लिए उठे और मिठाइयों व तोहफों का भी खूब आदान-प्रदान हुआ। मौका था भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चमलियाल मेले का। एक दिन के लिए ही सही, सांबा जिले के रामगढ़ के चमलियाल में सीमा के दोनों ओर बाबा दिलीप सिंह की मजार पर माथा टेकने के लिए उमड़ी भीड़ ने पाकिस्तानी गोलीबारी की खटास को भी भुला दिया। दरगाह पर चादर चढ़ाने पहुंचे पाकिस्तानी रेंजरों ने बाबा चमलियाल के वार्षिक मेले में उत्साह के साथ शिरकत कर पवित्र दरगाह की मिट्टी व कुएं के पानी को शक्कर और शरबत के रूप में स्वीकार किया।
रामगढ़ सेक्टर के दग छन्नी क्षेत्र में जीरो लाइन पर खुशनुमा और इबादत का नजारा था। इधर, चमलियाल में बाबा की मजार पर माथा टेकने के लिए हजारों लोग जुटे थे तो जीरो लाइन से तीन सौ मीटर दूर पाकिस्तान के सैदांवाली गांव में स्थित बाबा की दरगाह पर पहुंचे हजारों लोग सीमा पार से शक्कर, शरबत आने का इंतजार करते हुए दिखे। पाकिस्तान की ओर से दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए सियालकोट सेक्टर के कमांडर ब्रिगेडियर वसीम जफर भट्टी अन्य अधिकारियों के साथ सुबह करीब दस बजे पहुंचे। उन्होंने बाबा की मजार पर चढ़ाने के लिए चादर सीमा सुरक्षा बल के डीआइजी बीएस कसाना को भेंट की। इस अवसर पर डीआइजी अशकूर वानी, सांबा की डीसी शीतल नंदा, एसएसपी जोगिन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर पाक बिग्रेडियर वसीम जफर भट्टी ने दोनों देशों में अमन शांति के लिए दुआ करते हुए उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इसी तरह से इस मेले की परंपरा चलती रहे। उनके साथ विंग कमांडर मुहम्मद अली, डीसी सियालकोट आसिफ तुफेल, तहसीलदार पसरूर ख्वाजा नदीम, एसएसपी सियालकोट एजाज अहमद, डीओसी आबिद हुसैन, डिप्टी एसपी अशरफ सहित करीब 38 सदस्य आए। जब पाकिस्तानी रेंजर्स का दल भारतीय क्षेत्र में पहुंचा तो बीएसएफ के अधिकारियों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। इस दौरान दोनों ओर के अधिकारियों के बीच मिठाइयों का अदान-प्रदान भी हुआ। कड़े सुरक्षा प्रबंधों और अनुशासन के बीच यह प्रक्रिया लगभग एक घंटे तक चली। इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स व सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने बैठक कर सीमा पर शांति कायम करने का विश्वास भी दिलाया।