Onam 2020: राजा बलि के स्वागत में मनाया जाता है ओणम, जानें क्या है इस पर्व की मान्यता
Onam 2020 भारत में कई धर्म और संस्कृतियां मौजूद हैं। यहां पर हर पर्व का अलग ही महत्व होता है। सर्वधर्म समभाव के प्रतीक केरल प्रांत का मलयाली पर्व 22 अगस्त से शुरू हो गया है।
Onam 2020: भारत में कई धर्म और संस्कृतियां मौजूद हैं। यहां पर हर पर्व का अलग ही महत्व होता है। सर्वधर्म समभाव के प्रतीक केरल प्रांत का मलयाली पर्व 22 अगस्त से शुरू हो गया है। यह पर्व 10 दिन तक चलेगा। इस पर्व का नाम ओणम है। यह त्यौहार समाज में समरसता की भावना, प्रेम तथा भाईचारे का संदेश देता है। प्राचीन काल से मान्यता है कि ओणम के दिन ही राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते थे। यह सौभाग्य उन्हें विष्णु जी से ही मिला था। इस पर्व की मान्यता करेल में बहुत ज्यादा है। आइए जानते हैं ओणम को लेकर लोगों की मान्यता और यह पर्व क्यों खास होता है।
ओणम की मान्यता: माना जाता है कि केरल के राजा, राजा बलि थे। उनकी प्रजा अत्यंत सुखी और संपन्न थी। किसी भी तरह की कोई समस्या उन्हें नहीं थी। राजा बलि महादानी थे। तीनों लोक उनके कब्जे में थे। इसी दौरान भगवान विष्णु आए। वो वामन का अवतार लेकर आए थे। उन्होंने राजा बलि से तीन पग में जमीन मांगी थी। तीन पग में उन्होंने राज बलि से उनका राज्य ले लिया था। साथ ही उनका उद्धार भी कर दिया। माना जाता है कि हर वर्ष राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने और देखने आते हैं और इसी उपलक्ष्य में ओणम का पर्व मनाया जाता है। इस दिन राजा बलि का स्वागत किया जाता है।
ओणम पर्व क्यों है खास:
- इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और अलग-अलग तरह के भोजन बनाते हैं। राजा बलि को यह सब अर्पित किया जाता है।
- ओणम को केवल राजा बलि के आने की खुशी में ही नहीं बल्कि नई फसल आने की खुशी में भी मनाया जाता है।
- इस दिन हर घर के सामने रंगोली बनाई जाती है। साथ ही दीप भी जलाए जाते हैं।
- इस दिन चावल, गुड़ और नारियल के दूध को मिलाकर खीर बनती है।
- कई तरह की सब्जियां, सांभर आदि भी इस दिन बनाए जाते हैं।
- मलयाली समाज के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं।