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Dusshera vs Vijaydashmi 2019: जानें क्यों मनाते हैं दशहरा, क्या है विजयादशमी का महत्व

Dusshera vs Vijaydashmi 2019 दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि के बाद दशमी तिथि पर यह पर्व पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 09:15 AM (IST)
Dusshera vs Vijaydashmi 2019: जानें क्यों मनाते हैं दशहरा, क्या है विजयादशमी का महत्व
Dusshera vs Vijaydashmi 2019: जानें क्यों मनाते हैं दशहरा, क्या है विजयादशमी का महत्व

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Dusshera vs Vijaydashmi 2019:हिन्दू धर्म में दशहरा का विशेष महत्व है। शारदीय नवरात्रों के 10वें दिन यानि विजयादशमी को इसका आयोजन होता है। इस बार पूरे देश में विजयादशमी का पर्व 8 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दशहरा त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि के खत्म होने बाद दशमी तिथि पर यह पर्व पूरे देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। दशहरे के दिन लोग अस्‍त्र शस्‍त्र की भी पूजा करते हैं और इसी के साथ दीवापली की तैयारी शुरू हो जाती है। 

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दशहेरा इसलिए मनाया जाता है कि भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। वहीं, विजयादशमी पर देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है। 

क्यों मनाया जाता है दशहरा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान 14 वर्षों के वनवास में थे तो लंकापति रावण ने उनकी पत्नी माता सीता का अपहरण कर उन्हें लंका की अशोक वाटिका में बंदी बना कर रखा लिया था। श्रीराम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान और वानर सेना के साथ रावण की सेना से लंका में ही पूरे नौ दिनों तक युद्ध लड़ा। मान्यता है कि उस समय प्रभु राम ने देवी माँ की उपासना की थी और उनके आशीर्वाद से आश्विन मास की दशमी तिथि पर अहंकारी रावण का वध किया था।

क्यों मनाया जाता है विजयादशमी

एक दूसरी कथा के अनुसार असुरों के राजा महिषासुर ने अपनी शक्ति के बल पर देवताओं को पराजित कर इन्द्रलोक सहित पृथ्वी पर अपना अधिकार कर लिया था। भगवान ब्रह्रा के दिए वरदान के कारण किसी भी कोई भी देवता उसका वध नहीं कर सकते थे। ऐसे में त्रिदेवों सहित सभी देवताओं ने अपनी शक्तियों से देवी दुर्गा की उत्पत्ति की। इसके बाद देवी ने महिषासुर के आंतक से सभी को मुक्त करवाया। मां की इस विजय को ही विजय दशमी के नाम से मनाया जाता है।


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