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Motivational Story: शुरुआत में ही सुलझा लें छोटी से छोटी समस्या, जीवन में जरूर मिलेगी जीत

Motivational Story जागरण अध्यात्म में आज हम एक बार फइर एक प्रेरक कहानी लाए हैं जिसमें यह सीख दी गई है कि लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में जब हम आगे बढ़ रहे होते हैं तो कई बार छोटी-छोटी समस्याएं मिलती हैं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 03:43 PM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 03:43 PM (IST)
Motivational Story: शुरुआत में ही सुलझा लें छोटी से छोटी समस्या, जीवन में जरूर मिलेगी जीत
Motivational Story: शुरुआत में ही सुलझा लें छोटी से छोटी समस्या, जीवन में जरूर मिलेगी जीत

Motivational Story: जागरण अध्यात्म में आज हम एक बार फइर एक प्रेरक कहानी लाए हैं जिसमें यह सीख दी गई है कि लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में जब हम आगे बढ़ रहे होते हैं तो कई बार छोटी-छोटी समस्याएं मिलती हैं। अगर हम इनसे शुरुआती दौर में ही नहीं निपटते हैं तो हमें आगे चलकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए पढ़ते हैं यह कथा।

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एक बार एक राजा था जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली शासक बनना चाहता था। एक बार उसके राज्य में एक भविष्यवक्ता आया जिसके बारे में राजा को पता चला। राजा उस भविष्यवक्ता से मिलने गए। उन्होंने भविष्यवक्ता से पूछा कि उसे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे वो दुनिया का सबसे शक्तिशाली राजा बन सके। फिर भविष्यवक्ता ने सामने जाते हुए एक रास्ते की तरफ इशारा किया और कहा कि जो रास्ता सामने दिख रहा है उस पर चलते जाओ। 10 किलोमीटर दूर जाने के बाद एक पेड़ दिखाई देगा। उस पर चमत्कारी फल लगते हैं। इन्हें खाने से 100 गुना शक्ति बढ़ जाती है।

भविष्यवक्ता ने यह भी चेताया कि पेड़ से पहले एक राक्षस मिलेगा जो 1 फीट का होगा जिसे मारकर ही आगे बढ़ना होगा। अगर उसे जीवित छोड़ दिया तो वो राजा को फल नहीं खाने देगा। राजा में भविष्यवक्ता की बात सुनी और हामी भरकर आगे बढ़ गया। 1 किलोमीटर की दूर जाने के बाद एक राक्षस उसके सामने आया और राजा का रास्ता रोका। इस राक्षस की ऊंचाई 1 फीट थी। राक्षस ने राजा को चेतावनी दी कि अगर उसमें हिम्मत है तो उसे मारकर ही आगे बढ़े।

राजा को राक्षस की कद-काठी देख अपनी ऊर्जा व्यर्थ करना बेकरा लगा। वह राक्षस को बिना मारे ही आगे बढ़ गया। वह 1 किलोमीटर आगे आया फिर से वो राक्षस उसके सामने आ गया। इस बार उस राक्षस की ऊंचाई 1 फीट और बढ़ गई थी। राजा ने उसे धकेला और फिर आगे बढ़ गया। ऐसे ही हर किलोमीटर पर राक्षस की ऊंचाई बढ़ती रही। जब राजा उस भविष्यवक्ता के पास पहुंचा तो राक्षस फिर से सामने आ गया। इस बार वह 10 फीट का हो गया था।

उसने राजा को फल तोड़ने से रोक दिया और फिर उसे भविष्यवक्ता की चेतावनी याद आई। लेकिन अब राजा के पास उससे युद्ध करने के बजाय कोई चारा नहीं बचा था। कई बार स्थिति ऐसी हुई कि राक्षस राजा को मार देगा। लेकिन अंत में राजा की जीत हुई। लेकिन अगर वो पहले ही उस राक्षस को मार देता तो उसे यह परेशानी नहीं होती। राजा तो इस युद्ध में सफल हुआ लेकिन कई बार उन्हें सुलझाने में हमारा समय भी व्यर्थ होता है और हम जीवन में ऐसा युद्ध हार जाते हैं। ऐसे में समस्याएं शुरूआत में ही सुलझा लेनी चाहिए।  


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