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Motivational Story: समस्या का दूसरा पहलू भी देखना है जरूरी, बेहद प्रेरक है छोटे बच्चे की यह कहानी

Motivational Story आज हम अपने पाठकों के लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिससे हमें यह सीख मिलती है कि समस्या दूसरा पहलू भी हो सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 11:01 AM (IST)
Motivational Story: समस्या का दूसरा पहलू भी देखना है जरूरी, बेहद प्रेरक है छोटे बच्चे की यह कहानी
Motivational Story: समस्या का दूसरा पहलू भी देखना है जरूरी, बेहद प्रेरक है छोटे बच्चे की यह कहानी

Motivational Story: जब बच्चा छोटा होता है तो घर के बड़े उन्हें अपने जीवन के किस्से सुनाते हैं। बच्चे तो यह किस्से कहानी के तौर पर बड़े चाव से सुनते हैं लेकिन उन किस्सों में कई सीख मौजूद होती हैं। फिर जब हम बड़े होते हैं तो हम उन कहानियों को मजाक के तौर पर लेने लगते हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं है। क्योंकि कई बार आपकी किसी बड़ी समस्या का हल इन्हीं कहानियों में छिपा होता है। आज हम अपने पाठकों के लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं जिससे हमें यह सीख मिलती है कि समस्या दूसरा पहलू भी हो सकता है। तो चलिए पढ़ते हैं आज की कहानी।

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एक 10 वर्ष का बच्चा था। उसके पिता ऑफिस का काम करने में व्यस्त थे। वो बच्चा हर बार कोई सवाल लेकर आता था और उनसे हल पूछने लगता। बच्चे ने उसके पिता को सवाल पूछ-पूछ परेशान कर दिया था। बच्चे से परेशान होकर उसके पिता ने सोचा कि क्यों ने उसे ऐसा कोई काम दिया जाए कि वो उसे कुछ देर तक परेशान न करें और उसी में उलझा रहे। जब तक बच्चा काम को पूरा करेगा तब तक उसके पिता भी अपना काम निपटा लेंगे।

अस बार जब बच्चा अपने पिता के पास आया तो उन्होंने एक पुरानी किताब ली और उसमें से वर्ल्ड मैप का पेज फाड़ लिया। पिता ने उस मैप के कई छोटे-छोटे टुकड़ों कई कर दिए। फिर उन टुकड़ों को बच्चे को दिया और कहा, “इस पेज पर एक वर्ल्ड मैप बना हुआ था। अब इन्हें मैंने कई टुकड़ों में बांट दिया है। अब तुम्हें इन्हें दोबारा जोड़ना है जिससे वर्ल्ड मैप दोबारा बन जाए। अब जाओ इसे जाकर जोड़कर लाओ। जब बन जाए तब मुझे दिखाना।”

बच्चा उन टुकड़ों को लेकर चला गया और पिता को लगा कि बच्चा अब काफी देर तक नहीं आएगा और वो शांति से अपना काम कर पाएगा। लेकिन 5 मिनट के बाद ही बच्चा कमरे में वापस आ गया। बच्चा बोला, “पापा, देखिये मैंने वर्ल्ड मैप को बना दिया है।” जब पिता ने चेक किया तो वो पूरा ठीक से जुड़ा हुआ था। उसने हैरानी से पूछा कि तुमने इतनी जल्दी यह काम कैसे कर लिया।

तब बच्चे ने कहा कि ये काम तो बहुत आसान था। उसने कहा, “आपने जिस पेज के टुकड़े दिए थे उसकी दूसरी तरफ कार्टून बना था। मैंने कार्टून जोड़ दिया तो वर्ल्ड मैप अपने आप ही जुड़ गया।” समस्या का हल ढूंढने के बच्चे के तरीका से पिता देखता रह गया।

सीख: कई बार हमारे सामने समस्या काफी बड़ी आती है तो हम यह सोच लेते हैं समस्या हल नहीं हो सकती है। जबकि ऐसा नहीं है। हमें हमेशा समस्या का दूसरा पहलू भी देखना चाहिए। कई बार समस्या का हल आसानी से मिल जाता है। लेकिन यह तब होता है जब हम समस्या के हर पहलू का आंकलन ठीक से करें।  


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