Move to Jagran APP

Motivational Story In Hindi: इस साधु की कहानी बताएगी कि अपनी इच्छाओं पर कैसे रखा जाए नियंत्रण

Motivational Story In Hindi एक बार एक गांव में साधु रहता था। वह गांव के बाहर वन में बनी अपनी कुटिया में जा रहा था। इसी रास्ते में बाजार पड़ा। यहां से गुजरते हुए साधु की नजर एक दुकान पर पड़ी। यहां पर कई सारी टोकरियां पड़ी हुई थीं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 11:00 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 11:07 AM (IST)
Motivational Story In Hindi: इस साधु की कहानी बताएगी कि अपनी इच्छाओं पर कैसे रखा जाए नियंत्रण
इस साधु की कहानी बताएगी कि अपनी इच्छाओं पर कैसे रखा जाए नियंत्रण

Motivational Story In Hindi: एक बार एक गांव में साधु रहता था। वह गांव के बाहर वन में बनी अपनी कुटिया में जा रहा था। इसी रास्ते में बाजार पड़ा। यहां से गुजरते हुए साधु की नजर एक दुकान पर पड़ी। यहां पर कई सारी टोकरियां पड़ी हुई थीं। उन टोकरियों में खजूर रखे हुए थे। खजूरों के देख साधु को लालच आ गया। उसका मन खजूर खाने को करने लगा। लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। ऐसे में उसे अपने मन को काबू में रखना पड़ा। फिर वो कुटिया की तरफ चल दिया।

loksabha election banner

साधु अपनी कुटिया पहुंच गया लेकिन फिर भी खजूर खाने का विचान मन से नहीं गया। वह लगातार इसी बारे में सोचता रहा। वह ठीक से सो भी नहीं पा रहा था। अगली सुबह वह जागा और फिर से खजूर खाने के बारे में सोचने लगा। उसने सोचा खजूर खाने हैं तो पैसे तो चाहिए ही होंगे। ऐसे में साधु सूखी लकड़ियां बेचकर खजूर खरीदने लायक पैसों को जमा कर पाया। कई लकड़ियों को गठ्ठर इक्ट्ठा करने के बाद वह उन्हें कंधे पर लादकर बाजार की तरफ चला। वह उन लड़कियों को बेचने जा रहा था।

लड़कियों का गठ्ठर काफी भारी था। उसके लिए इन्हें लादकर आसान नहीं था। लेकिन फिर भी साधु चलता गया। कुछ देर चलने के बाद उसके कंधे में दर्द होने लगा। ऐसे में वो कुछ दूर चलने के बाद आराम करने के लिए रुक गया। आराम करने के बाद वह फिर चल गया। वह रुक-रुक कर किसी तरह वह लकड़ियों के गठ्ठर के साथ बाजार पहुंच गया। वहां, उसने सारी लकड़ियां बेच दी। अब इतने पैसे तो इक्ट्ठा हो गए थे कि वह खजूर खरीद सके। पैसे लेकर वो खजूर की दुकान में पहुंचा। सारे पैसे देकर उसने खजूर खरीद लिए। खजूर लेकर वो कुटिया की तरफ चल पड़ा।

कुटिया की तरफ जाते-जाते उसके मन में विचार आया कि आज खजूर खाने की इच्छा हुई तो मैंने खजूर खरीद लिए। कल किसी और चीज की इच्छा होगी। कभी नए कपड़े और कभी नया घर आदि। उसने सोचा कि वो तो साधु व्यक्ति है। इस तरह इच्छाओं के तले वो कब तक जिएगा। वो कब तक इच्छाओं का दास बन रहेगा। जैसे ही उसने ये सोचा तो उसने खजूर त्यागने का फैसला किया। रास्ते में गुजरते हुए एक गरीब व्यक्ति को साधु ने खजूर दे दिए। इस तरह वह खुद की इच्छाओं का दास बनने से बच गया।

सीख- हम सभी को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाना चाहिए। अगर ऐसा न किया गया तो व्यक्ति अपनी इच्छाओं का दास बन जाता है। मन काफी चंचल होता है। समय के साथ उनके मन में इच्छाएं उत्पन्न होती रहती हैं। ऐसे में इच्छाओं पर नियंत्रण रखना बेहद आवश्यक है। अगर कोई जरूरत बहुत जरूरी है तो ही उसकी पूर्ति की जानी चाहिए।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.