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Motivational Story in Hindi: जो हमारे पास है उसे बांटना है जरूरी तभी वह बढ़ता है और जीवित रहता है

Motivational Story in Hindi आज जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको एक ऐसी प्रेरक कहानी बता रहे हैं जिसमें यह सीख मिलती है कि आपके पास जो है उसे बांटने बढ़ाने से ही वह जीवित रहता है। यानी ज्ञान को बांटना चाहिए इससे आपका ज्ञान बढ़ता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 12:20 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 02:46 PM (IST)
Motivational Story in Hindi: जो हमारे पास है उसे बांटना है जरूरी तभी वह बढ़ता है और जीवित रहता है
Motivational Story in Hindi: जो हमारे पास है उसे बांटना है जरूरी तभी वह बढ़ता है और जीवित रहता है

Motivational Story in Hindi: आज जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको एक ऐसी प्रेरक कहानी बता रहे हैं जिसमें यह सीख मिलती है कि आपके पास जो है उसे बांटने, बढ़ाने से ही वह जीवित रहता है। यानी ज्ञान को बांटना चाहिए, इससे आपका ज्ञान बढ़ता है। आइए पढ़ते हैं यह प्रेरक कथा।

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एक गुरु के तीन प्रमुख शिष्य थे। इन तीनों में से किसी एक शिष्य को ही, जो योग्य हो उसे वो अपनी सारी जिम्मेदारी सौंपना चाहता था। उसने सोचा की क्यों न वो तीनों की बुद्धिमत्ता को परखें। उसने कहा कि वो कुछ महीनों के लिए तीर्थ करने जा रहा है। उसने अपने शिष्यों को तीन थैलियां दीं जिसमें कुछ बीज थे। उसने कहा कि वो एक-एक थैली ले ले। गुरु ने अपने शिष्य को इन बीजों को संभालकर रखने को कहा। साथ ही कहा कि वह जब लौटे तो यह बीज उसे वापस चाहिए।

जब गुरु चला गया तो पहले शिष्य ने सोचा कि क्यों न वो अपने बीजों को किसी सुरक्षित जगह रख दें। वो उन बीजों को रोज थैली से निकालता और साफ कर दोबारा रख देता। वहीं, दूसरे शिष्य ने सोचा कि इन्हें खराब होने से बचाने के लिए क्यों न इन्हें वो बाजार में बेच आए। जब गुरुजी आएंगे तब वो दोबारा उन्हें खरीद लाएगा और उन्हें दे देगा।

कुछ महीनों बाद जब उनके गुरु लौटे। उसने अपने शिष्यों को बुलाया और बीज मांगे। पहले शिष्य ने गुरु को थैली निकालकर दी। लेकिन इसमें सभी बीज सड़ गए थे। दूसरा शिष्य बाजार गया और बीज खरीदकर ले आया। वहीं, तीसरे शिष्य ने उससे उसके बीजों के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि तुमने क्या किया बीजों का? वह शिष्य अपने गुरु को आंगन में ले गया और कहा कि यह देखिए, जो बीज आपने उसे दिए थे वह असंख्य फूल बन गए है। गुरु यह देख बेहद खुश हो गया। फिर गुरु ने तीसरे शिष्य को अपना उत्तराधिकारी बना दिया।

सीख: इससे यह सीख मिलती है कि जो हमारे पास है अगर हम उसे बांटे तो वह बढ़ता भी है और जीवित भी रहता है। जीवन में वही सफल होता है जो संघर्ष से नहीं डरता। उसमें तपता है, फूटता है आखिर में टूटकर फूल बन जाता है। ऐसे में जो हमारे पास है उसे संभालकर न रखकर यह सोचा जाए कि वह कैसे तीन या चार गुना हो। 


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