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Motivational Story In Hindi: जीवन की दिशा निर्धारित करने के लिए मन को करें एकाग्र, पढ़ें यह प्रेरक कथा

Motivational Story In Hindi कई बार हम ऐसी परेशानियों में घिर जाते हैं जिसका हल हमें ढूंढने से नहीं मिलता है। इससे हमारा मन अस्थिर होने लगता है और किसी काम में मन नहीं लगता।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 01:00 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 01:44 PM (IST)
Motivational Story In Hindi: जीवन की दिशा निर्धारित करने के लिए मन को करें एकाग्र, पढ़ें यह प्रेरक कथा
Motivational Story In Hindi: जीवन की दिशा निर्धारित करने के लिए मन को करें एकाग्र, पढ़ें यह प्रेरक कथा

Motivational Story In Hindi: कई बार हम ऐसी परेशानियों में घिर जाते हैं जिसका हल हमें ढूंढने से नहीं मिलता है। इससे हमारा मन अस्थिर होने लगता है और किसी काम में मन नहीं लगता। लेकिन इस स्थिति में हमें हमारे मन और मस्तिष्क को एकाग्र करने की जरूरत होती है। इसके लिए हमें शांति चाहिए होती है। आज की कहानी इसी आधारित है। जागरण अध्यात्म आज एक बार फिर आपके लिए एक और प्रेरक कहानी लाया है। आइए पढ़ते हैं यह प्रेरक कहानी।

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एक गांव में एक किसान रहता था। वह खेत के पास मौजूद अनाज की कोठी में काम कर रहा था। काम करते-करते अचानक से ही उसकी घड़ी खो गई। वह इस बात से बेहद परेशान हो गया क्योंकि यह घड़ी उसके पिता ने उसे उपहार में दी थी। उसेउस घड़ी से भावनात्मक लगाव था। काफी कोशिशों के बाद भी उसे वो घड़ी नहीं मिली। वह कोठी से बाहर आया और देखा कि कुछ बच्चे वहां खेल रहे थे। वह उनके पास गया और कहा कि उसकी घड़ी खो गई है जो उसे घड़ी ढूंढ के देगा उसे वो ईनाम देगा। ईनाम का लालच देख सभी बच्चे घड़ी ढूंढने के लिए तैयार हो गए।

सभी बच्चे कोठी के अंदर गए और घड़ी ढूंढने लगी। लेकिन किसी को घड़ी नहीं मिल पाई। वो सभी थक गए और उन्होंने हार मान ली। अब किसान को अपनी घड़ी वापस मिलने की आस नहीं थी। लेकिन कभी एक बच्चा वापस आया और उसमे कहा कि क्या वो एक बार फिर से कोशिश कर सकता है। किसान ने इस बात पर हां भी कह दिया। वो बच्चा कोठी के अंदर गया और कुछ ही देर में बाहर आ गया। उसके हाथ में किसान की खोई हुई घड़ी थी। अपनी घड़ी देख किसान बहुत खुश हुआ। उसे आश्चर्य हुआ कि जिस घड़ी को कोई नहीं ढूंढ पाया वो इस बच्चे ने अकेले ढूंढ ली? जब किसान ने उससे पूछा कि उसने यह घड़ी कैसे ढूंढी तक उसने कहा कि वो कोठी के अंदर जाकर चुपचाप एक जगह खड़ा हो गया। शांति से उसने घड़ी की टिक-टिक की आवाज सुनने की कोशिश की। जिस दिशा से आवाज आई उसी दिशा में उसने घड़ी ढूंढी और उसे वो मिल गई। किसान ने बच्चो को ईनाम देकर और शाबसी देकर विदा कर दिया।

सीख: हमें हमारे मन और मस्तिष्क को एकाग्र करने की जरूरत होती है। इसके लिए हमें शांति चाहिए होती है। अगर जीवन की दिशा निर्धारित करनी है तो मन को एकाग्र करने की जरूरत है। हमें अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से अपने लिए कुछ समय निकालकर अपने मन को शांत करने की आवश्यकता होती है जिससे हम स्थितियों को सुलझाने का तरीका खोज सकें।  


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