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Masik Durga Ashtami Katha: जानें कैसे किया था मां दुर्गा ने राक्षस दुर्गम का वध, पढ़ें यह व्रत कथा

Masik Durga Ashtami Katha आज दुर्गाष्टमी है। हर माह शुक्ल पक्ष में जो अष्टमी आती है उसे मासिक दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन दुर्गा मां के भक्त उनकी पूजा करते हैं

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 06:20 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 06:20 AM (IST)
Masik Durga Ashtami Katha: जानें कैसे किया था मां दुर्गा ने राक्षस दुर्गम का वध, पढ़ें यह व्रत कथा
Masik Durga Ashtami Katha: जानें कैसे किया था मां दुर्गा ने राक्षस दुर्गम का वध, पढ़ें यह व्रत कथा

Masik Durga Ashtami Katha: आज दुर्गाष्टमी है। हर माह शुक्ल पक्ष में जो अष्टमी आती है उसे मासिक दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन दुर्गा मां के भक्त उनकी पूजा करते हैं और भजन भी गाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा की मूर्ति को विधि-विधान के साथ पूजा जाता है। साथ ही उनके मंत्रों का जाप भी किया जाता है। इस दिन अगर सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा की जाए तो मां की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है। इस दिन पूजा करने के साथ दुर्गाष्टमी की कथा भी पढ़नी चाहिए। तो आइए पढ़ते हैं मासिक दुर्गाष्टमी की व्रत कथा।

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मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार, एक राक्षस था जिसका नाम दुर्गम था। इस क्रूर राक्षस ने तीनों लोकों पर अत्याचार किया हुआ था। सभी इससे बेहद परेशान थे। दुर्गम के आतंक से सभी देवगण स्वर्ग छोड़ कैलाश चले गए थे। कोई भी देवता इस राक्षस का अंत नहीं कर पा रहा था। क्योंकि इसे वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता उसका वध नहीं कर पाएगा। ऐसे में इस परेशानी का हल निकालने के लिए सभी देवता ने भगवान शिव के पास विनती करने पहुंचे और उनके इसका हल निकालने के लिए कहा।

दुर्गम राक्षस का वध करने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और शिव ने अपनी शक्तियों को मिलाया और ऐसे दुर्गा मां का जन्म हुआ। यह तिथि शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी। मां दुर्गा को सबसे शक्तिशाली हथियार दिया गया। मां दुर्गा ने दुर्गम के साथ युद्ध की घोषणा कर दी। मां ने दुर्गम का वध कर दिया। इसके बाद से ही दुर्गा अष्टमी की उत्पति हुई। तब से ही दुर्गाष्टमी की पूजा करने का विधान है। इस दिन शस्त्रों की पूजा भी की जाती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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