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300 वर्ष पुराने महाकालेश्वर मंदिर को प्रदेश सरकार ने अब तक पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा

क्या कारण है कि 300 वर्ष पुराने महाकालेश्वर मंदिर को प्रदेश सरकार ने अब तक पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2015 04:16 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2015 04:23 PM (IST)
300 वर्ष पुराने महाकालेश्वर मंदिर को प्रदेश सरकार ने अब तक पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा

भोपाल। विधायक पटवारी ने महाकालेश्वर मंदिर का मुद्दा विधानसभा में उठाया। उन्होंने सवाल किया कि मध्यप्रदेश शासन पुरातत्व अधिनियम 1964 के अनुसार 50 वर्ष पुराने और केंद्रीय पुरातत्व अधिनियम के अनुसार 100 वर्ष पुरानी धरोहरों का संरक्षण और रखरखाव पुरातत्व विभाग करता है। फिर क्या कारण है कि 300 वर्ष पुराने महाकालेश्वर मंदिर को प्रदेश सरकार ने अब तक पुरातत्व विभाग को नहीं सौंपा। मंदिर के 100 मीटर के आसपास निर्माण

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और मंदिर के मूल मार्ग में बदलाव के कुंड और गुंबद आदि का निर्माण किसकी अनुमति से किया जा रहा है।

उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने लिखित जवाब में कहा कि महाकालेश्वर मंदिर पुुरातत्व विभाग के अधीन नहीं है यह श्री महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम 1982 के अंतर्गत संचालित है।

विध्ाायक ने यह भी पूछा कि प्राचीन संरचना में स्थापित मूर्ति या लिंग के क्षरण को रोकने के लिए गर्भगृह में जाकर दर्शन , अभिषेक नहीं किया जाना चाहिए फिर क्या कारण है कि मंदिर के पुजारियों द्वारा शिवलिंग पर पंचामृत,दूध, दही, शहद आदि का उपयोग अभिषेक के लिए किया जा रहा है।

इस पर मंत्री ने लिखित जवाब में कहा कि इस मामले में कमिश्नर उज्जैन संभाग ने एक समिति का गठन किया है। यह विद्ववत समिति इस बारे में निर्णय करेगी।

प्रदेश में दो साल से एक भी जैव विविधता उद्यान नहीं बना

मालवा क्षेत्र के रतलाम, मंदसौर, नीमच सहित अन्य जिलें कृषि प्रधान हैं, उसके बाद भी यहां जैव विविधता पार्क की स्थापना नहीं की जा सकी है। इसमें कहां परेशानी आ रही है। यह सवाल गुरुवार को विधानसभा में आलोट विधायक जितेंद्र सिंह गेहलोत ने उठाया।

इस पर वनमंत्री डॉ.गौरीशंकर शेजवार ने लिखित जवाब में कहा कि 2013 से अब तक राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा प्रदेा में कहीं भी जैव विविधता उद्यान की स्थापना नहीं की गई है। फिलहाल इन जिलों से जैव विविधता उद्यान की स्थापना के लिए कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं। यदि प्रस्ताव मिलते हैं तो उद्यान लगाने की कर्रवाई शुरू की जाएगी।


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