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आज है Maghi Purnima 2019 का पवित्र स्नान, जानें महत्व आैर पुण्य काल का समय

माघ माह के अंतिम पवित्र स्नान माघी पूर्णिमा के महत्व आैर मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं पंडित दीपक पांडे।

By Molly SethEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 04:08 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:10 PM (IST)
आज है Maghi Purnima 2019 का पवित्र स्नान, जानें महत्व आैर पुण्य काल का समय
आज है Maghi Purnima 2019 का पवित्र स्नान, जानें महत्व आैर पुण्य काल का समय

आज है माघी पूर्णिमा

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माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस पर्व पर दान व यज्ञ का बड़ा महत्व है। इस वर्ष ये तिथि 19 फरवरी मंगलवार के दिन पड़ रही है। इसी दिन माघ माह का अंतिम स्नान भी होता है। इस दिन गंगा तट के अतिरिक्त किसी भी स्वीकृत तीर्थ, अन्य पवित्र नदियों में स्नान आैर दान का भी उतना ही महत्व होता है जितना गंगा स्नान का।

दान आैर उपवास से होगा लाभ

माघी पूर्णिमा पर गाय, तिल आैर कंबल दान करने चाहिए इससे पुण्य की प्राप्ति होती है आैर वर्ष भर के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन उपवास करके भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करनी चाहिए। यथा शक्ति यज्ञ आैर कीर्तन करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को यथा शक्ति भाेजन आैर दान करना चाहिए।

पुण्यकाल आैर शुभ मुहूर्त

इस दिन सूर्योदय से लेकर रात्रि 9 बजकर 24 बजे तक पूर्णिमा होगी। इसमें सूर्योदय से 11 बजकर 03 बजे तक आश्लेषा नक्षत्र रहेगा तत्पश्चात मघा नक्षत्र शुरू हो जायेगा। अत मघा नक्षत्र युक्त माघी पूर्णिमा का पुण्य काल 11 बज कर 03 मिनट से प्रारंभ होगा, इस अवधि में पितृ आदि का श्राद्घ कर्म आैर तर्पण का शुभ मुहूर्त होगा। इस दौरान सर्व सिद्घि योग सूर्योदय से 11:03 तक, कुमार योग रात्रि 9

9:24 तक, आैर भद्रा 11 बजकर 18 मिनट तक रहेगाी। 

छह वर्षों बाद आयेगा ये योग

श्रद्वालु इस अवसर का पूर्ण लाभ उठा लें क्योंकि अब एेसा पुण्यकाल 6 वर्ष बाद ही पुन आयेगा। ये काल 12 वर्षों में कुंभ संक्रांति पर हरिद्वार में गंगातट पर, नासिक में गोदावरी के तट पर, उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर आैर उसी क्रम में प्रयागराज में संगम के तट पर आता है।  इन स्थानों पर स्नान के साथ गरीबों को भोजन, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, आैर चरण पादुकायें दान करने से जीवन में आने वाली सब प्रकार की बाधायें दूर होती हैं। 


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