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पुष्य नक्षत्र 2018: आज दिन भर करें खरीददारी क्योंकि दीपावली से पूर्व बेहद खास है ये नक्षत्र, जानें क्या है इसका महत्व

पंडित दीपक पांडे बता रहे हैं कि पुष्य नक्षत्र का शुभ महत्व आैर कैसे इस दिन विधि विधान से महालक्ष्मी की पूजा करने से धन धान्य की प्राप्ति होती है।

By Molly SethEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 11:43 AM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 11:43 AM (IST)
पुष्य नक्षत्र 2018: आज दिन भर करें खरीददारी क्योंकि दीपावली से पूर्व बेहद खास है ये नक्षत्र, जानें क्या है इसका महत्व
पुष्य नक्षत्र 2018: आज दिन भर करें खरीददारी क्योंकि दीपावली से पूर्व बेहद खास है ये नक्षत्र, जानें क्या है इसका महत्व

अत्यंत शुभ है ये नक्षत्र  

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30 अक्टूबर 2018 की रात्रि से 31 अक्टूबर 2018 को पुष्य नक्षत्र रहेगा। ये बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। इस दिन विधि विधान से पूजा करने से माता महालक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं आैर धन वर्षा करती हैं। दीवाली से पूर्व आने वाले इस पुष्य नक्षत्र में पूजा करने ने अपरिमित लाभ होता है। इस दौरान अपने अराध्य देव आैर कुल देवता का पूजन करना चाहिए। इस बार पुष्य नक्षत्र 30 अक्टूबर रात 3 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर 31 अक्टूबर की रात 2 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। 

पुष्य नक्षत्र का महत्व 

पुष्य नक्षत्र पर खरीदारी, भूमि पूजन, लेन-देन करना शुभ माना जाता है। यह 28 नक्षत्रों में से 8वां नक्षत्र है। खास बात ये है कि 12 राशियों में एकमात्र कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है, आैर पुष्य नक्षत्र के सभी दौरान चंद्रमा अन्य किसी राशि का स्वामी नहीं रहेगा। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा भी माना जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में नए बही खाते खरीद कर व्यापारिक प्रतिष्ठान में रखना चाहिए। इस दिन सोने चांदी के आभूषण खरीदना भी शुभ होता है। पुष्य नक्षत्र में सोने की खरीदारी का महत्व इसलिए है, क्योंकि ये शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु होती है। कहते हैं इस दिन एकाक्षी नारियल की पूजा करने से घर में धन संपत्ति का आभाव नहीं रहता। यह नक्षत्र स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शुभ ग्रहों का प्रभाव होने के चलते यह सेहत संबंधी कई समस्याओं को समाप्त करने में सक्षम होता है।  

एेसे करें एकाक्षी नारियल का पूजन

एकाक्षी नारियल के ऊपर की आेर एक आंख जैसा निशान होने के चलते इसे ये नाम दिया गया है। पुष्य नक्षत्र पर इसकी पूजा करने के लिए स्नान के पश्चात सफेद वस्त्र पहन कर एक साफ थाली में चंदन या कुंकुम से अष्ट दल बना कर उस पर कलश रखें। कलश पर चारों तरफ आम के पत्ते लगा कर, नारियल को गंगा जल से शुद्घ करें आैर उस पर रेशमी वस्त्र लपेट कर इसमें रख दें। लपेटने के पूर्व वस्त्र पर रोली या केसर से ऊँ श्री ह्रीं क्लीं एें महालक्ष्मी स्वरूपाय एकाक्षिनालिकेराय नम: सर्वसिद्घि कुरू कुरू स्वाहा ये मंत्र लिख दें। अब इसके आगे अगर बत्ती आैर दीपक प्रज्जवलित करें।  नारियल पर फूल, चावल, फल आैर प्रसाद अर्पित करें। इसके बाद ऊँ एें ह्रीं श्रीं एकाािनालिकेराय नम:मंत्र का जाप करते हुए 108 गुलाब की पंखुड़ियां चढायें। एेसा करने से आपकी धन समृद्घि संबंधित सभी मनोकामनायें पूर्ण होंगी। 


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