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Kartik Purnima 2020: आज सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में मनेगी कार्तिक पूर्णिमा

Kartik Purnima 2020 सर्वार्थ सिद्धि योग व वर्धमान योग में कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:00 AM (IST)
Kartik Purnima 2020: आज सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में मनेगी कार्तिक पूर्णिमा
Kartik Purnima 2020: सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में मनेगी कार्तिक पूर्णिमा

Kartik Purnima 2020: सर्वार्थ सिद्धि योग व वर्धमान योग में कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। प्रत्येक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं, लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है।

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कार्तिक पूर्णिमा को कहा जाता है त्रिपुरारी पूर्णिमा:

कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है उस समय चंद्रमा की 6 कृतिकाओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।

इसी दिन सिखों के पहले गुरु नानक देवजी का 551वां प्रकाशोत्सव:

इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551वां जन्मदिन भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी। इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा।

कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों से राहत:

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे। खासकर शनि की साढ़ेसाती। वही कुंडली में पितृ दोष, चांडाल दोष, नदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा।

इसी दिन लग रहा चंद्रग्रहण, लेकिन भारत में नहीं पड़ेगा कोई असर:

कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और वही 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा। ऐसे में भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है। इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट भी बंद नहीं होंगे।

चातुर्मास के बाद कार्तिक पूर्णिमा को जागते हैं भगवान विष्णु:

कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चातुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था। कार्तिक पूर्णिमा दीप दान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर तिल स्नान करने से शनि दोष समाप्त होने के साथ शनि की साढ़ेसाती और कुंडली में पितृ दोष और चांडाल दोष का निवारण होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर अक्षत यानि चावल और काले तिल का दान करने का विशेष महत्व है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। ' 


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