Kalashtami May 2024: वैशाख महीने में इस दिन है कालाष्टमी? जानें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग
सनातन धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस उपलक्ष्य पर शिव मंदिरों को सजाया जाता है। साथ ही रात्रि पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमें देर रात निशा काल भैरव की पूजा करते हैं। तंत्र सीखने वाले साधकों को कालाष्टमी की रात्रि पर विशेष विद्या में सिद्धि प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami May 2024: हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। तंत्र- मंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी तिथि पर विशेष अनुष्ठान करते हैं। शास्त्रों में काल भैरव की पूजा निशा काल में करने का विधान है। अतः साधक रात्रि के समय में काल भैरव देव की पूजा करते हैं। हालांकि, सामान्य जन यानी भक्तजन प्रदोष काल में भी काल भैरव देव की पूजा कर सकते हैं। धार्मिक मत है कि काल भैरव देव की पूजा करने वाले साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख, संकट, काल, क्लेश यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं शुभ योग जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 01 मई को सुबह 05 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 02 मई को सुबह 04 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 01 मई को किसी समय काल भैरव देव की पूजा कर सकते हैं। मनोवांछित फल की प्राप्ति हेतु प्रदोष काल में करना श्रेष्ठकर साबित होगा।
महत्व
सनातन धर्म में कालाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस उपलक्ष्य पर शिव मंदिरों को सजाया जाता है। साथ ही रात्रि पूजा का आयोजन किया जाता है। इसमें देर रात निशा काल भैरव की पूजा करते हैं। तंत्र सीखने वाले साधकों को कालाष्टमी की रात्रि पर विशेष विद्या में सिद्धि प्राप्ति होती है।
योग
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 08 बजकर 02 मिनट तक हो रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस तिथि पर शिववास का भी योग बन रहा है।
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