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Kaal Sarp Dosh Upay: कालसर्प दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय, दूर होंगे सभी दुख और कष्ट

ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें कालसर्प दोष गुरु चांडाल दोष अंगारक दोष और मंगल दोष प्रमुख हैं। कई ज्योतिषियों का मानना है कि लंबे समय तक कालसर्प दोष का निवारण न करने पर भी पितृ दोष लगता है। कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Thu, 18 Apr 2024 09:34 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2024 09:34 PM (IST)
Kaal Sarp Dosh Upay: कालसर्प दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय, दूर होंगे सभी दुख और कष्ट

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kaal Sarp Dosh Upay: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। इस शास्त्र के माध्यम से ज्योतिष भूत, वर्तमान और भविष्य की गणना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में कई प्रकार के दोष लगते हैं। इनमें कालसर्प दोष, गुरु चांडाल दोष, अंगारक दोष और मंगल दोष प्रमुख हैं। पितृ के अप्रसन्न रहने पर पितृ दोष भी लगता है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि लंबे समय तक कालसर्प दोष का निवारण न करने पर भी पितृ दोष लगता है। कालसर्प दोष से पीड़ित जातक को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः कालसर्प दोष का निवारण अनिवार्य है। अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित हैं, तो दोष निवारण हेतु ये उपाय जरूर करें। इन उपायों को करने से कालसर्प दोष दूर होता है। आइए, उपाय जानते हैं-

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कालसर्प दोष के उपाय

  • कुंडली में मायावी ग्रह राहु और केतु के मध्य सभी ग्रहों के रहने पर कालसर्प दोष लगता है। इस दोष को दूर करने हेतु उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में निवारण किया जाता है। इसके अलावा, आप अपने निवास स्थान के आसपास प्राचीन शिव मंदिर में भी कालसर्प दोष का निवारण करा सकते हैं। वहीं, कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए रोजाना भगवान शिव की पूजा करें। इस समय गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
  • अगर आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं, तो इसके प्रभाव को खत्म करने के लिए रोजाना पूजा के समय महामृत्युंज मंत्र का जप करें। इसके अलावा, संजीवनी मंत्र के जप से भी कालसर्प दोष दूर होता है। अतः रोज पूजा के समय शिव मंत्रों का जप करें।
  • ज्योतिषियों की मानें तो भगवान विष्णु की पूजा करने से भी कालसर्प दोष समाप्त हो जाता है। इसके लिए रोजाना भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  • कुंडली में मौजूद राहु और केतु के अशुभ प्रभावों को समाप्त करने के लिए शनिवार के दिन स्नान-ध्यान के भगवान शिव की पूजा करें। इसके पश्चात बहती जलधारा में जटा वाला नारियल प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से भी लाभ मिलता है।
  • हर महीने अमावस्या तिथि पर तांबे से निर्मित नाग और नागिन को बहती जलधारा में प्रवाहित करने से भी कालसर्प दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

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डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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