Holi 2019: होलिका के पूजन से दूर होगा शनि दोष, परिक्रमा की संख्या से भी होता है लाभ
Holi 2019 का उत्सव बुधवार रात्रि को होलिका दहन से शुरू हो जायेगा। क्या आप जानते हैं कि होलिका की परिक्रमा कितनी बार राशि अनुसार करना होता है लाभदायक
शनि दोष से मुक्ति
होलिका की रात्रि के समय पूजा करने से जन्मपत्रिका में व्याप्त कुछ दोषों को कम किया जा सकता है एेसा कहना है पंडित दीपक पांडे का। साथ होलिका की पूजा शनि दोष आैर पितृ दोष को भी दूर करने में सहायक होती है। इसके साथ ही गन्ना भूनने आैर परिक्रमा करने से भी दोष दूर होते हैं। परिक्रमा की संख्या के अनुसार हर राशि की ग्रह बाधा दूर होती है।
राशि अनुसार करें परिक्रमा
यदि राशि के शुभ अंक के हिसाब से परिक्रमा की जाए तो ग्रह बाधायें दूर हो सकती हैं। अन्य लाभ भी होते हैं जैसे रुके हुए शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं, धन संबंधि फायदा होगा आैर नव संवत्सर की शुरूआत में आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलने की संभावना बनती है। एेसे में जानें कि किस राशि वाले लोगों को लगानी होंगी कितनी परिक्रमा। मेष राशि वाले लगाये 9 परिक्रमा। वृष राशि वाले को 11 चक्कर लगाने चाहिए। मिथुन राशि वाले को 7 चक्कर लगाने चाहिए। कर्क राशि वालों को 28, सिंह राशि वालों को 21 परिक्रमा, कन्या राशि को 7, तुला राशि को 21 लगाने हैं, जबकि वृश्चिक राशि वालों को 28, धनु राशि वालों को 23, मकर राशि वालों को 15, कुंभ राशि वालों को 25 आैर मीन राशि वालों को 9 परिक्रमा करनी चाहिए।
कब होगा होलिका दहन आैर कब खेला जायेगा रंग
बुधवार 20 मार्च 2019 को प्रात:काल 10 बज कर 45 से भद्राकाल प्रारंभ हो जायेगा आैर सांयकाल 8 बज कर 59 तक रहेगा। इसके बाद 9 बज कर 28 मिनट से रात्रि 11:58 तक होलिका दहन किया जा सकता है। एेसा माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है लेकिन इस बार यदि भद्रा लगने के 18 मिनट बाद होलिका दहन किया जाए तो कोर्इ हानि नहीं होगी। होलिका दहन के दूसरे दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रंगवाली होली के नाम से जाना जाता है। इस दिन गुलाल और पानी के रंगों से उत्सव मनाया जाता है। इस होली को धुलण्डी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष ये पर्व 21 मार्च गुरुवार को मनाया जायेगा।