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Holashtak 2021: जानें क्यों अशुभ माना जाता है होलाष्टक, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं

Holashtak 2021 कल यानी 22 मार्च से होलाष्टक शुरू रहा है। शास्त्रों के अनुसार होलाष्टक के अशुभ होने के कारण बताए गए हैं। इसके संबंध में दो पौराणिक कथाएं हैं। आइए जानते हैं भक्त प्रह्लाद और कामदेव से जुड़ी पौराणिक कथाएं।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 21 Mar 2021 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 22 Mar 2021 06:07 AM (IST)
Holashtak 2021: जानें क्यों अशुभ माना जाता है होलाष्टक, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं
Holashtak 2021: जानें क्यों अशुभ माना जाता है होलाष्टक, पढ़ें ये पौराणिक कथाएं

Holashtak 2021: कल यानी 22 मार्च से होलाष्टक शुरू रहा है। यह 8 दिन तक चलता है। इन आठ दिनों में कोई भी मांगलिक कार्यों को करना निषेध होता है। इस समय मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। फाल्गुन माह में होली के कुछ दिनों पहले सभी ग्रह और नक्षत्र अशुभ स्थिति में पहुंच जाते हैं जिस कारण से चारों ओर काफी मात्रा में नकारात्मक ऊर्जा फैल जाती है। जिस कारण से होलाष्टक आरंभ होने लेकर इसके सामाप्त होने तक कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के अशुभ होने के कारण बताए गए हैं। इसके संबंध में दो पौराणिक कथाएं हैं। आइए ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास से जानते हैं भक्त प्रह्लाद और कामदेव से जुड़ी पौराणिक कथाएं।

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भक्त प्रहलाद:

पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हिरण्यकश्यप ने अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्रीहरि विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए आठ दिन तक कठिन यातनाएं दी थीं। आठवें दिन वरदान प्राप्त होलिका जो हिरण्यकश्यप की बहन थी वो भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई थीं और जल गई थी। लेकिन भक्त प्रहलाद बच गए थे।

रति पति कामदेव:

पौराणिक कथा के अनुसार, देवताओं के कहने पर कामदेव ने शिव की तपस्या भंग करने के लिए कई दिनों में कई तरह के प्रयास किए थे। तब भगवान शिव ने फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था। कामदेव की पत्नी रति ने उनके अपराध के लिए शिवजी से क्षमा मांगी, तब भोलेनाथ ने कामदेव को पुनर्जीवन देने का आश्वासन दिया।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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