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Hindu New Year: होली के अगले दिन से न होकर, चैत्र माह के 15 दिन बाद क्यों शुरू होता है हिंदू नववर्ष?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। ऐसे में साल 2024 में 09 अप्रैल से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। भारत के कई राज्यों में हिंदू नववर्ष को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। मराठी में इसे गुड़ी पड़वा कहा जाता है तो वहीं तो वहीं उड़ीसा में इसे महा विशुभ संक्रांति के नाम से जाता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Thu, 28 Mar 2024 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2024 01:27 PM (IST)
Hindu New Year: होली के अगले दिन से न होकर, चैत्र माह के 15 दिन बाद क्यों शुरू होता है हिंदू नववर्ष?
Hindu Nav Varsh चैत्र माह के 15 दिन बाद क्यों शुरू होता है हिंदू नववर्ष?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hindu Nav Varsh 2024: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, हर साल 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत होती है। लेकिन वहीं, हिंदी कैलेंडर की बात करें तो, इसके अनुसार नया साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल उठता होगा कि चैत्र माह की शुरुआत तो होली के अगले दिन ही हो जाती है, फिर हिंदू नववर्ष 15 दिन बाद यानी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को क्यों मनाया जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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इसलिए 15 दिन बाद शुरू होता है नवर्वष

हिंदी कैलेंडर के अनुसार, होली के अगले दिन से चैत्र का महीना शुरू हो जाता है, लेकिन इसकी शुरुआत के 15 दिन बात यानी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हिंदू नवर्वष की शुरुआत मानी जाती है। यानी चैत्र माह के शुरुआत के 15 दिनों को नववर्ष में नहीं गिना जाता है।

इसका कारण है कि इस दिनों में चंद्रमा अंधेरे की ओर यानी अमावस्या की तरफ बढ़ता है। वहीं, सनातन धर्म में अंधेरे से उजाले की तरफ बढ़ने की बात कही गई है। इसलिए चैत्र माह में अमावस्या खत्म होने के बाद नए साल की शुरुआत होती है। इसी कारण से फाल्गुन माह की पूर्णिमा यानी होली के अगले दिन से नया महीना तो शुरू हो जाता है, लेकिन हिंदू नववर्ष चैत्र माह के 15 दिन बीतने के बाद शुरू होता है।

बता दें कि 09 अप्रैल 2024 से शुरू होने जा रहा हिंदू नव वर्ष 2081 होगा। अंग्रेजी कैलेंडर और हिंदू कैलेंडर के बीच 57 साल का फर्क होता है, क्योंकि हिंदू नववर्ष अंग्रेजी के नए साल से करीब 57 साल आगे चलता है।

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यह भी है एक कारण

चैत्र मासि जगत ब्रह्मा संसर्ज प्रथमेऽहनि,

शुक्ल पक्षे समग्रेतु तदा सूर्योदय सति।।

ब्रह्म पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है कि, जब ब्रह्मा जी इस सृष्टि की रचना की तब चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि ही थी। इसलिए इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है और इसी तिथि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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