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Hariyali Teej 2021 Importance: माता पार्वती ने 108 जन्मों तक क्यों किया कठोर तप? जानें हरियाली तीज का महत्व

Hariyali Teej 2021 Importance आज हरियाली तीज है जिसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। इस वर्ष की हरियाली तीज शिव योग और रवि योग में है। सावन शुक्ल तृतीया तिथि या हरियाली तीज व्रत का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:08 AM (IST)
Hariyali Teej 2021 Importance: माता पार्वती ने 108 जन्मों तक क्यों किया कठोर तप? जानें हरियाली तीज का महत्व
Hariyali Teej 2021 Importance: माता पार्वती के 108 जन्मों के कठोर तप का प्रतीक है हरियाली तीज

Hariyali Teej 2021 Importance: आज हरियाली तीज है, जिसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। हरियाली तीज हर वर्ष सावन शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। पति की लंबी आयु और उत्तम संतान के लिए हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए माता पार्वती, भगवान शिव और गणपति की पूजा करती हैं। इस वर्ष की हरियाली तीज शिव योग और रवि योग में है। सावन शुक्ल तृतीया तिथि या हरियाली तीज व्रत का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। आइए जानते हैं इसके महत्व के बारे में।

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हरियाली तीज का महत्व

काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बताते हैं कि शिव पुराण में हरियाली तीज की कथा का वर्णन मिलता है, जो माता पार्वती के कई वर्षों के कठोर तप और उसकी सफलता का प्रतीक है। शिव पुराण के अनुसार, माता पार्वती अपने आराध्य भगवान शिव को अपने जीवनसाथी के रुप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने अपने तप से महादेव को प्रसन्न करने का निश्चय किया। मां पार्वती ने 108 जन्मों तक कठोर तप किया, तब जाकर भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हुए और उनको मनोकामना पूर्ति का आशीष दिया। फिर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे।

माता पार्वती के इस कठोर तप की सिद्धि श्रावण शुक्ल तृतीया को हुई, इसलिए हर वर्ष इस तिथि पर महिलाएं मां पार्वती, शिव जी और गणेश जी की पूजा निर्जला व्रत रखकर करती हैं। उनकी कामना होती है कि उनको भी मां पार्वती की कृपा से भगवान शिव की तरह मनोवांछित वर मिले और भगवान ​गणेश जी जैसा बुद्धिमान, साहस और सभी संकटों को हरने वाली संतान मिले।

यह व्रत मुख्यत: सुहाग से जुड़ा हुआ है, इसलिए महिलाएं माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करती हैं। उनको सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाती हैं, ताकि उनका सुहाग बना रहे। उनका दाम्पत्य जीवन भी खुशहाल रहे।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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