Happy Eid 2019: खुदा से सुख-शांति और बरकत की मांगें दुआ, अल्लाह का करें शुक्रिया
Happy Eid 2019 ईद-उल-फि़त्र पर..रमज़ान के पवित्र महीने में उपवास (रोजे़) की समाप्ति पर दुनिया भर के मुसलमान त्योहार मनाते हैं जिसे ईद उल-फि़त्र कहा जाता है।
Happy Eid 2019: ईद-उल-फि़त्र पर..रमज़ान के पवित्र महीने में उपवास (रोजे़) की समाप्ति पर दुनिया भर के मुसलमान त्योहार मनाते हैं, जिसे ईद उल-फि़त्र कहा जाता है। यह त्योहार अरबी महीने शवाल के पहले दिन मनाया जाता है। शवाल इस्लामी कैलेंडर का दसवां महीना होता है। इस्लामी कैलेंडर के सभी महीनों की तरह यह भी नए चांद के दिखने पर शुरू होता है।
ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल-जुल कर मनाते हैं और खुदा से सुख-शांति और बरकत के लिए दुआएं मांगते हैं। पूरे विश्व में ईद की खुशी पूरे हर्षोल्लास से मनाई जाती है। उपवास की समाप्ति की प्रसन्नता के अलावा ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने महीने भर के उपवास रखने की शक्ति उन्हें प्रदान की।
ईद के दौरान बढि़या खाने के अतिरिक्त नए कपड़े भी पहने जाते हैं और परिवार और दोस्तों के बीच तोहफ़ों का आदान-प्रदान होता है। सेवैयां इस त्योहार का ख़ास पकवान हैं। ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान दान देता है, जिसे 'फि़त्रा' कहते हैं। रमज़ान का यह महीना नेकी और इबादत का है। साथ ही यह महीना दान-पुण्य का भी है। इस महीने में समृद्ध मुसलमान अपने धन से ढाई प्रतिशत राशि गरीबों में वितरित करते हैं। यह व्यवस्था इसलिए है, ताकि समाज के लोगों में व्याप्त आर्थिक असमानता समाप्त हो सके और गरीब लोग भी ईद मना सकें।
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अपनी आय से ढाई प्रतिशत गरीबों में बांटने को 'ज़कात' कहा जाता है, जो नमाज़ और रोज़े की तरह ही इस्लाम धर्म के बुनियादी सिद्धांतों में से एक है। 'फि़त्रा' ईद की नमाज से पहले हर रोज़ेदार निकालता है और यह राशि भी गरीबों में वितरित की जाती है।
— अहमदुल्लाह सिद्दीकी
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