Guru Nanak Jayanti Bhajan: आज नानक देव के जन्मदिन पर जरूर गाएं उनका यह प्रसिद्ध भजन सुनी पुकार दातार प्रभु...
Guru Nanak Jayanti Bhajan सिखों के प्रथम गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था ऐसा कहा जाता है। इनके अनुयायी इन्हें नानक नानक देव जी बाबा नानक और नानकशाह नामों से पुकारते हैं। नानक देव चारों ओर घूमकर उपदेश देते थे।
Guru Nanak Jayanti Bhajan: सिखों के प्रथम गुरु, नानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था ऐसा कहा जाता है। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से पुकारते हैं। नानक देव अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु सभी गुणों को समेटे रहे। नानक देव चारों ओर घूमकर उपदेश देते थे। कहा जाता है कि नानक देव ने 1521 तक इन्होंने चार यात्राचक्र पूरे किए। इनमें भारत, अफगानिस्तान, फारस और अरब का मुख्य जगहें शामिल थीं। इन यात्राओं को पंजाबी में उदासियां कहते हैं। कहा जाता है कि नानक देव एक अच्छे सूफी कवि भी थे। उनका हृदय भावुक और कोमल था जिसके चलते उन्होंने प्रकृति से एकात्म होकर जो अभिव्यक्ति की है, वह निराली है। उन्हें फारसी, मुल्तानी, पंजाबी, सिंधी, खड़ी बोली, अरबी के शब्द भी आते थे।
30 नवंबर यानी आज नानक देव का जन्मदिन पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सिख समुदाय के लोग भजन-कीर्तन करते हैं। साथ ही गुरुग्रंथ साहिब का अखंड पाठ भी कराते हैं। इस दिन सभी एक-दूसरे को गुरुपुरब की शुभकामनाएं देते हैं। इससे पहले हम आपको गुरुवाणी के बारे में बता चुके हैं। इस लेख में हम आपको गुरु नानक के एक प्रसिद्ध भजन की जानकारी दे रहे हैं जो कुछ इस तरह है। आइए पढ़ते हैं सुनी पुकार दातार प्रभु भजन...
गुरु नानक भजन:
सुनी पुकार दातार प्रभु ,
गुरु नानक जग माहे पठाइया,
झिम झिम बरसे अमृत धार,
गुरु नानक ने लिया अवतार,
विच ननकाने दे आया है,
नानकी दा वीर,
धन धन माता जी ने बाल ऐसा जाया,
डोला दाई ने पहला दर्शन पाया,
हो गई चरना तो बलिहार,
मथा चूमे सो सो वार,
विच ननकाने दे आया है,
नानकी दा वीर,
डोला दाई ने जा के कालू जी नु दसया,
रब तेरे घर आया खिड खिड हस्या,
कर लो चल के दीदार,
आया खुद निरंकार ,
विच ननकाने दे आया है,
नानकी दा वीर,