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Falgun Amavasya 2021: कब है फाल्गुन मास की अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Falgun Amavasya 2021 फाल्गुन मास शुरू हो चुका है। इस मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 13 मार्च को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस तिथि का महत्व धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। तो आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त और महत्व।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 10:49 AM (IST)
Falgun Amavasya 2021: कब है फाल्गुन मास की अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Falgun Amavasya 2021: कब है फाल्गुन मास की अमावस्या, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Falgun Amavasya 2021: फाल्गुन मास शुरू हो चुका है। इस मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 13 मार्च को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस तिथि का महत्व धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस तिथि को पितरों को मोक्ष दिलाने तिथि कहा गया है। फाल्गुन अमावस्या पर कई फाल्गुन मेलों का आयोजन किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान भी किया जाता है। तो आइए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त और महत्व।

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फाल्गुन अमावस्या का शुभ मुहूर्त:

13 मार्च, शनिवार, फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि

अमावस्या तिथि प्रारंभ: मार्च 12, शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 4 मिनट से

अमावस्या तिथि समाप्त: मार्च 13, शनिवार दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक

फाल्गुन अमावस्या का महत्व:

फाल्गुन मास की अमावस्या के दिन व्रत और पूजन करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। इस दिन पितरों की शांति के लिए दान, तर्पण, श्राद्ध आदि किए जाते हैं। कहा जाता है कि अगर हर अमावस्या पर आप पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाते हैं तो फाल्गुन अमावस्या जैसी कुछ विशेष अमावस्याएं होती हैं जिन पर ये श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इस दिन केवल श्राद्ध कर्म ही बल्कि बज कालसर्प दोष का निवारण भी किया जाता है। इस दिन सुबह के समय किसी पवित्र नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान किया जाता है। साथ ही अपनी सामर्थ्यनुसार अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौशाला में गाय के लिए भोजन का दान किया जाता है। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'  


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