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क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है भाईदूज का ये त्योहार

भाई-बहन के प्यार का ये त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है भाईदूज का ये त्योहार...

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 01 Nov 2016 11:25 AM (IST)Updated: Tue, 01 Nov 2016 12:49 PM (IST)
क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है भाईदूज का ये त्योहार

दिवाली के एक दिन बाद हर साल भाई दूज मनाया जाता है। भाई-बहन के प्यार का ये त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है भाईदूज का ये त्योहार....

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शास्त्रों के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थीं एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर पाने के कारण अपनी छायामूर्ति का निर्माण कर उसे ही अपने पुत्र-पुत्री को सौंपकर वहां से चली गई। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था, लेकिन यम और यमुना में बहुत प्रेम था।

यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया।

बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएं और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहा जाता है इसी के बाद हर साल भाईदूज का त्यौहार मनाया जाता है।

भाई दूज पूजा इसदिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस साल यह त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य व उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं। यदि तिथि के मुताबिक देखें तो यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को पड़ता है। इसदिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस साल यह त्योहार 1 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई दूज को भाऊ बीज और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।

भैया दूज के शुभ मुहूर्त

भारत के चार महानगारों में भैया दूज टीका मुहूर्त इस प्रकार है: मुंबई में भैया दूज के दिन भाईयों को टीका के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर बाद 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर शाम 3 बजकर 45 मिनट तक है। वहीं, राजधानी दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और फरीदाबाद में भैया दूज पर भाईयों को टीका के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर बाद 1 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर शाम 3 बजकर 20 मिनट तक है। चेन्नई में भैया दूज पर्व पर भाईयों को टीका के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 1 मिनअ से शुरू होकर शाम 3 बजकर 20 मिनट तक है। वहीं, कोलकाता में भाई दूज टीका मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर शाम 2 बजकर 41 मिनट तक है।

ऐसे करें पूजा:

भैया दूज वाले दिन बहने आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं। इस चौक पर अपने भाई को बिठाकर उनके हाथों की पूजा करें। सबसे पहले बहन अपने भाई के हाथों पर चावलों का घोल लगाए। उसके ऊपर सिंदूर लगाकर फूल, पान, सुपारी तथा मुद्रा रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ते हुए मंत्र बोले ‘गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें।’

इसके उपरांत बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं। घर पर भाई सभी प्रकार से प्रसन्नचित्त जीवन व्यतीत करें, ऐसी मंगल कामना करें। उसकी लम्बी उम्र की प्रार्थना करें। उसके उपरांत यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जला कर घर की दहलीज के बाहर रखें। जिससे भाई के घर में किसी प्रकार का विघ्न-बाधां न आए और वह सुखमय जीवन व्यतीत करें।


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