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Chhath 2020 Sindoor: छठ पूजा में आखिर महिलाएं क्यों लगाती हैं लंबा सिंदूर, जानें इसके पीछे की वजह

Chhath 2020 Sindoor आज छठ पूजा का आखिरी दिन है। आज सप्तमी तिथि है और आज के दिन छठ पूजा का समापन यानी पारण किया जाएगा। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक है। इस पर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:23 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 06:23 AM (IST)
Chhath 2020 Sindoor: छठ पूजा में आखिर महिलाएं क्यों लगाती हैं लंबा सिंदूर, जानें इसके पीछे की वजह
Chhath 2020 Sindoor: छठ पूजा में आखिर महिलाएं क्यों लगाती हैं लंबा सिंदूर, जानें इसके पीछे की वजह

Chhath 2020 Sindoor: आज छठ पूजा का आखिरी दिन है। आज सप्तमी तिथि है और आज के दिन छठ पूजा का समापन यानी पारण किया जाएगा। यह सबसे कठिन व्रतों में से एक है। इस पर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। छठ पूजा का व्रत सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। इस दौरान आप सभी ने देखा या सुना होगा कि छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक से लेकर मांग तक सिंदूर सजाती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आखिर छठ पूजा के समय महिलाएं लंबा सिंदूर मांग में क्यों लगाती हैं? अगर नहीं तो आज हम आपको इसका पौराणिक कारण बता रहे हैं।

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सिंदूर का महत्व:

छठ पूजा बच्चों की सलामती और संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। ऐसे में इस पूजा में सुहगा के प्रतीक यानी सिंदूर का खास महत्व होता है। इस दिन जो महिलाएं अपने बच्चों के लिए व्रत करती हैं वो बड़ी ही निष्ठा और तपस्या के साथ व्रत करती हैं। हिंदू धर्म में विवाह के बाद सिंदूर को सौभाग्या का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मांग में लंबा सिंदूर भरने से पति की आयु लंबी होती है। तो चलिए जानते हैं कि छठ पूजा पर नाक से मांग तक लंबा सिंदूर लगाने की क्या है मान्यता।

लंबा सिंदूर लगाने की मान्यता:

लंबा सिंदूर संतान और सुहा गकी मंगल कामना के लिए लगाया जाता है। कहा जाता है कि जो महिलाएं विवाहित होती हैं उन्हें सिंदूर लंबा और ऐसा लगाना चाहिए जो सभी को दिखे। सिंदूर को माथे से ऊपर तक उतना भरा जाना चाहिए जितनी मांग है। मान्यता है कि जो भी महिलाएं पूरे नियमों के साथ छठ व्रत करती हैं उनके परिवार पर छठी मइया की कृपा बनी रहती है और सुख-समृद्धि आती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '  


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