जाने सदी के सबसे लंबे चंद्र ग्रहण में क्या करें आैर क्या ना करें, साथ ही किस राशि पर कैसा होगा प्रभाव
पंडित दीपक पांडे से जानें कि 27 जुलाई 2018 को पड़ रहे सबसे लंबे चंद्र ग्रहण का समय, इस दौरान करने योग्य बातें आैर राशियों पर इसका प्रभाव।
सूतक काल में ध्यान रखें
27 जुलाई को चंद्र ग्रहण का प्रारंभ बेशक 11 बजकर 54 मिनट पर होगा लेकिन इसका सूतक काल दोपहर 2.55 पर प्रारंभ हो जायेगा। इस अवधि के आरंभ होने के साथ ही मंदिरों के पट बंद हो जाते हैं आैर घरों में भी भगवान को शयन करा दिया जाता है। इस दौरान भोजन करना वर्जित कहा जाता है, आैर गभर्वती महिलायें बाहर नहीं निकती हैं। हालाकि इस काल में रोगी, बच्चे आैर वृद्घ लोग सांय ७ बजकर ५५ मिनट तक खाना खा सकते हैं। इस ग्रहण के दौरान वो लोग जिनका जन्माक्षर से रखा गया नाम ही प्रचलित होता है उन्हें विशेष सावधानी बरतनी होगी क्योंकि उन पर कष्ट आ सकता है।
तिथि तथा समय
इस बार यह ग्रहण गुरुपूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। साथ ही ये ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा जिसे अषाढ़ी पूर्णिमा भी कहते हैं पर शुक्रवार के दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मकर राशि पर होगा। इस लिए इस राशि और नक्षत्र वाले लोग विशेष सावधानी बरतें। ग्रहण की सूतक अवधि दोपहर 2 बज कर 55 मिनट प्रारंभ हो जायेगी। ग्रहण का स्पर्श भारतीय समय के मुताबिक 27 जुलाई की रात 11 बजकर 54 मिनट 02 दो सेकेंड पर होगी । इसके बाद 28 जुलाई की प्रात 03 बजकर 49 मिनट 03 सेकेंड पर ग्रहण खत्म हो जायेगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग 4 घंटे की होगी। इस दौरान रात 01 बजकर 51 मिनट 08 सेकेंड बजे के आसपास पूर्ण चंद्रग्रहण नजर आएगा। इस अवधि में प्रत्येक को ये ध्यान रखना होगा कि उसे कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना है आैर कुछ कामों को करना कतर्इ नहीं भूलना है। विभिन्न राशियों पर इसके भिन्न प्रभाव होंगे।
क्या करें क्या नहीं
इस ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलायें चंद्रमा को ना देखें, शरीर को ढक कर रखें आैर अच्छा होगा खुले अंग पर गेरू का लेप करें। लोग पैर पर पैर चढ़ा कर ना बैठें। ग्रहण की अवधि सो कर नहीं वरन भजन आदि करते हुए जाग कर बितायें। मशीन, सुर्इ तागे का काम ना करें। भगवान का स्मरण करें पर जोर जोर से बोल कर नहीं मन ही मन में ध्यान करें। मूर्ति का स्पर्श ना करें आैर ना ही ताले खोलें। भोजन ना करें आैर तैयार खाने में कुशा या तुलसी की पत्ती डाल कर ही रखें। ग्रहण का मोक्ष होने के पश्चात स्नान करें, भगवान का मंदिर साफ करके उन्हें स्नान करायें, भोग लगायें आैर दान पुण्य करने के बाद ही भोजन करें।
किस राशि पर कैसा असर
इस ग्रहण का हर राशि पर अलग प्रभाव होगा जैसे मेष राशि को सुख, वृष राशि को मानभंग, मिथुन राशि को कष्ट, कर्क राशि को चिंता, सिंह राशि को सुख, कन्या राशि को चिंता, तुला राशि को व्यथा, वृश्चिक राशि को धन प्राप्ति, धनु राशि को हानि, मकर राशि को घात, कुंभ राशि को क्षति आैर मीन राशि वालों को होगा लाभ।