Budh Rashi Parivartan: बुध का आज वृश्चिक राशि में प्रवेश, ग्रहों के युवराज बुध आज करेंगे राशि परिवर्तन
Budh Rashi Parivartan बुद्धि बौद्धिकता विद्या लेखन शक्ति पत्रकारिता साहित्य आदि के कारक ग्रहों में युवराज चंद्र पुत्र बुध 28 नवंबर की सुबह 7 बजे तुला राशि की यात्रा समाप्त करके वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं।
Budh Rashi Parivartan: बुद्धि ,बौद्धिकता ,विद्या, लेखन शक्ति , पत्रकारिता ,साहित्य आदि के कारक, ग्रहों में युवराज चंद्र पुत्र बुध 28 नवंबर की सुबह 7 बजे तुला राशि की यात्रा समाप्त करके वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 17 दिसंबर दोपहर 11 बजकर 35 मिनट तक विराजमान रहेंगे उसके बाद धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वृश्चिक मंगल ग्रह की राशि है ये बुध को अपना शत्रु मानते हैं। अतः इस राशि में बुध बहुत सहज नहीं रहेंगे। इसलिए पृथ्वी वासियों को इनके गोचर का अप्रत्याशित परिणाम मिलने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में बुध देवताओं का संदेशवाहक है। बुध ग्रह ज्योतिष के मुताबिक राशि चक्र में मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। बुध सूर्य का निकटतम ग्रह है।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कन्या व मिथुन राशि के स्वामी बुध के वृश्चिक में जाने पर बुधादित्य योग बन रहा है। बुध को व्यापार, सम्मान,यश, विशलेषण का कारक ग्रह माना गया है। कुंडली में अच्छे ग्रह के साथ होने पर बुध शुभफलदायी परिणाम देते हैं और अशुभ ग्रह के साथ होने पर नकारात्मक प्रभाव देते हैं और जिंदगी में काफी समस्याएं आती हैं। बुध ग्रह को बुद्धि का प्रदाता कहा गया है। बुध ग्रह के लक्षण की बात करें तो यह व्यक्ति में बुद्धि, विवेक, हाज़िरजवाबी और हास्य–विनोद का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक शुभ ग्रह है लेकिन कुछ स्थितियों में बुध अशुभ ग्रह में बदल सकता है। बुध कम्युनिकेशन का ग्रह है।
यह व्यापार,वाणिज्य,कॉमर्स,व्यापार, खाते, बैंकिंग, मोबाइल, नेटवर्किंग, कंप्यूटर आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है। एक शक्तिशाली बुध आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का प्रतीक है। ताकतवर बुध वाले लोग तेज दिमाग के होने की वजह से उनके सोचने की शक्ति अच्छी होती है। लेकिन, इनकी एक समस्या यह होती है कि ये चिंता और अनिश्चितता से प्रभावित होते हैं। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं। बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं। बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है। बुध सौरमंडल के 8 ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है। बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है।
बुध ग्रह के प्रभाव:
बुध एक दोहरी प्रकृति का ग्रह है। बुध ग्रह ज्योतिष में दो राशि चिह्न अर्थात् कन्या और मिथुन पर अपना नियंत्रण रखता है। हाथ, कान, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र, त्वचा आदि शरीर के अंग बुध से प्रभावित हैं। बुध तर्क को दर्शाता है। वे लोग जिनकी कुंडली में बुध एक मजबूत स्थिति में होता है वे समझदार, तर्क–वितर्क में कुशल और एक बेहद अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
बुध के उपाय:
बुध से पीड़ित व्यक्ति को मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए और साबूत हरे मूंग का दान करना चाहिए। बुधवार के दिन गणपति को सिंदुर चढ़ाएं। बुधवार के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाने से फल जल्दी मिलता है। पालक का दान करे। बुधवार को कन्या पूजा करके हरी वस्तुओं का दान करे।
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