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Bhagavad Gita: गीता में भगवान श्री कृष्ण ने बताए हैं खुश रहने के तरीके, बस करने होंगे ये आसान काम

महाभारत युद्ध में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया ज्ञान गीता में समाहित है जो करोड़ों लोगों को प्रेरणा देने का काम करता है। आज के इस भागदौड़ वाले समय में व्यक्ति प्रसन्न रहना भूलता जा रहा है। ऐसे में आज आपको गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके द्वारा व्यक्ति प्रसन्न रह सकता है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Fri, 19 Apr 2024 08:00 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 08:00 PM (IST)
Bhagavad Gita गीता में भगवान कृष्ण ने बताए हैं खुश रहने के आसान तरीके

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhagavad Gita Updesh: गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्ध की भूमि में दिया गया था। भगवद गीता न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है, बल्कि यह मनुष्य को जीवन के दुखों से उबरने का तरीका भी सिखाती है। माना जाता है कि जो व्यक्ति रोजाना गीता का पाठ करना है, वह जीवन की कई समस्याओं से बच सकता है। साथ ही इसके नियमित पाठ से मानसिक शांति का अनुभव होता है।

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आलोचना से दूर रहें

गीता एक धर्म ग्रंथ है, जो मनुष्य को सही राह पर चलने का उपदेश देता है। श्री कृष्ण गीता में कहते हैं कि यदि आपको प्रसन्न रहता है, तो सबसे पहले आलोचना से दूर रहना होगा। इसलिए ध्यान रखें कि कभी किसी की आलोचना न करें।

न करें दूसरों से तुलना

श्री कृष्ण गीता में कहते हैं कि, वह व्यक्ति जीवन में प्रसन्न रह सकता है, जो अपनी तुलना दूसरों से नहीं करता। आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार करें। यही खुश रहने का मूल मंत्र है।

छोड़ दें ये आदत

अगर आपकी बात-बात पर शिकायत करने की आदत है, तो यह आदत भी आपके दुख का कारण बन सकता है। इसलिए जितनी जल्दी हो सके इस आदत को छोड़ दें। तभी आप जीवन में सुखी रह सकते हैं। 

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न करें ये गलती

अतीत के बारे में बार-बार सोचने वाला व्यक्ति भी जीवन में कभी सुखी नहीं रह पाता। अगर आप अतीत को अपने साथ लेकर चलते रहेंगे, तो जीवन में कभी खुश नहीं हो पाएंगे। इसलिए अतीत को भूलकर अपने जीवन में आगे बढ़ें। अतीत को बदला नहीं जा सकता, इसलिए इसके बारे में सोचते रहने का अर्थ है अपने समय को बर्बाद करना। 

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