Move to Jagran APP

Bhadrapada Purnima 2021 Date: आज है भाद्रपद पूर्णिमा, इस तिथि से होती है पितृ पक्ष की शुरूआत

Bhadrapada Purnima 2021 Date सितंबर 2021 की पूर्णिमा या भाद्रपद पूर्णिमा इस माह आने वाली है। पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं और चंद्र देव की आराधना करते हैं। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 01:30 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 10:03 AM (IST)
Bhadrapada Purnima 2021 Date: आज है भाद्रपद पूर्णिमा, इस तिथि से होती है पितृ पक्ष की शुरूआत
Bhadrapada Purnima 2021 Date: आज है भाद्रपद पूर्णिमा, इस तिथि से होती है पितृ पक्ष की शुरूआत

Bhadrapada Purnima 2021 Date: सितंबर 2021 की पूर्णिमा या भाद्रपद पूर्णिमा इस माह आने वाली है। पूर्णिमा के दिन व्रत रखते हैं और चंद्र देव की आराधना करते हैं। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होते हैं। पूर्णिमा के दिन सत्यानारायण भगवान की कथा भी कराने का विधान है। भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को आप नाना पक्ष का श्राद्ध कर सकते हैं। पितरों की तृप्ति के लिए समर्पित पितृ पक्ष का प्रारंभ आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से होता है, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि इस वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा कब है, इसकी सही तिथि क्या है?

loksabha election banner

भाद्रपद पूर्णिमा 2021 तिथि

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 20 सितंबर दिन सोमवार को प्रात: 05 बजकर 28 मिनट पर हुआ है। भाद्रपद पूर्णिमा तिथि का समापन 21 सितंबर को प्रात: 05 बजकर 24 मिनट पर होगा। पूर्णिमा में चंद्रमा की पूजा करने और जल अर्पित करने का विधान है। 20 सितंबर को पूर्णिमा की रात होगी। ऐसे में भाद्रपद पूर्णिमा 20 सितंबर दिन सोमवार को है। इस दिन ही व्रत रखा जाएगा और सत्यनारायण भगवान की कथा होगी।

पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का भी महत्व होता है। इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर व्यक्ति को पूजा करनी चाहिए और फिर ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देनी चाहिए।

भाद्रपद पूर्णिमा 2021: पितृ पक्ष प्रारंभ

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि से ही पितृ पक्ष का प्रारंभ होता है। पितृ पक्ष में पितरों के आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म​ किए जाते हैं।

जिन लोंगों के पितरों का श्राद्ध पूर्णिमा तिथि को होता है, वे लोग पूर्णिमा श्राद्ध के दिन पिंडदान, तर्पण आदि करते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष का प्रारंभ भी आश्विन कृष्ण प्रतिपदा यानी 21 सितंबर से हो रहा है, जो 16 दिनों तक चलेगा। पितृ पक्ष का समापन 06 अक्टूबर को अमावस्या श्राद्ध या सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.