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Bateshwar Temple: बेहद रहस्यमयी है बटेश्वर धाम मंदिर, यहां उल्टी धारा में बहती है यमुना नदी, जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य

हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है। कहा जाता है उनकी पूजा से सब कुछ पाया जा सकता है। वहीं आज हम आगरा में स्थित बटेश्वर धाम ( Bateshwar Temple) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य साझा करेंगे जिसको जानकर आपको भी हैरानी होने वाली है। हालांकि कुछ शिव भक्त इसकी महिमा को अच्छी तरह से जानते होंगे।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Fri, 19 Apr 2024 03:20 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2024 03:20 PM (IST)
Bateshwar Temple: बटेश्वर धाम मंदिर से जुड़े तथ्य

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bateshwar Temple: सनातन परंपरा में देवों के देव कहलाने वाले भगवान शिव की पूजा बड़ी ही शुभ मानी गई है। ऐसा कहा जाता है शिव जी को प्रसन्न करना बेहद आसान है, उन्हें ज्यादा कुछ अर्पण करने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए ही उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। भोले बाबा के प्रति लोगों की आस्था यूं ही नहीं है।

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उनके चमत्कार व शक्तियों का प्रभाव हर शहर और नदी के तट पर देखने को मिल जाता है। ऐसे में आज हम एक ऐसे चमत्कारी मंदिर की बात करेंगे, जिसको लेकर मान्यताएं दूर-दूर तक फैली हुई हैं।

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कहां स्थित है बटेश्वर धाम ?

प्रसिद्ध बटेश्वर धाम आगरा से 80 किमी दूर यमुना नदी के तट पर स्थित है। इसका नाम यमुना पर बने 101 शिव मंदिरों में भी शुमार है। इस पवित्र धाम में भक्त काफी दूर-दूर से दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां पर लोग घंटा चढ़ाकर अपनी मन्नते मांगते हैं।

ऐसा कहा जाता है कि यहां पर मांगी गई मुराद कभी अधूरी नहीं रहती है। यही कारण है कि इस धाम को लेकर मान्यताएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं।

उल्टी दिशा में बहती है यमुना नदी

यहां यमुना नदी पश्चिम से पूरब दिशा की ओर बहती है, लेकिन इस पवित्र धाम में यह पूरब से पश्चिम दिशा की ओर बहती हुई बटेश्वर का चक्कर लगाती है। यह आकृति अर्धचंद्राकार का रूप लेती हुई बह रही है। जानकारी के लिए बता दें कि भगवान शिव और माता पार्वती यहां सेठ-सेठानी की मुद्रा में विराजमान हैं। साथ ही यह भोलेनाथ की विश्व में इकलौती मूर्ति है, जिसका निर्माण राजा बदन सिंह भदौरिया न करवाया था।

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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