ज्योतिष का दावा! 15 मई के बाद कठिन समय से लोगों को मिल सकती है राहत
दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस के कारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं इसके कारण मानव जाति पर संकट छाया हुआ है। हालांकि ज्योतिष गणना के अनुसार इसका प्रभाव 15 मई के बाद ही खत्म हो सकता है
दुनियाभर में लोग कोरोना वायरस के कारण कठिन दौर से गुजर रहे हैं, इसके कारण मानव जाति पर संकट छाया हुआ है। हालांकि ज्योतिष गणना के अनुसार, इसका प्रभाव 15 मई के बाद ही खत्म हो सकता है। 15 अप्रैल के बाद से इसके प्रभाव में कमी आनी शुरू हो जाएगी। ग्रहों के प्रभाव के कारण ऐसे योग बनते हैं, जिसके कारण लोगों को कठिन दौर से गुजरना पड़ता है। ऐसा दावा किया है श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. फणीन्द्र कुमार चौधरी ने।
उन्होंने यह भी दावा किया है कि उन्होंने फरवरी, 2019 में ही इस बात की भविष्यवाणी की थी कि आने वाला समय ठीक नहीं है और कई लोगों के लिए यह कष्टदायक होगा।
उन्होंने अपने पंचांग के हवाले से इस बात का दावा किया था कि चंद्रग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णमासी को दृष्टिगोचर हो रहा है। अत: इसका प्रभाव वापी, कूप, तालाब के तट में रहने वाले लोग, फल-मूल खाकर समय-यापन करने वाले, गान्धर, पुलन्द और चीन आदि देश में बसने वाले लोगों के लिए कष्टप्रद रहेगा। नदी के प्रभाव को प्रभावित करेगा और मंडलवृष्टि अर्थात कहीं—कहीं वर्षा होगी।
भारत में दृश्य सूर्यग्रहण (26 दिसंबर, 2019 ई.)
यह कंकण सूर्यग्रहण पौष अमावस बृहस्पतिवार, तद्नुसार 26 दिसंबर 2019 ई. को प्रात:काल 8 बजे से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक भारत में सर्वत्र दिखाई दिया। इस ग्रहण का कंकण आकृति भारत के केरल, तमिलनाडु तथा कर्नाटक के दक्षिण भागों में दिखाई दिया था।
ग्रहण का जीवन पर प्रभाव
यह ग्रहण दक्षिणायन में घटित हुआ था, अतएव इसका प्रभाव वैश्य अर्थात व्यापार से आजीविका चलाने वाले लोगों तथा गरीब लोगों के लिए कष्टप्रद होगा। यह ग्रहण धनु राशि में घटित हुआ, इसलिए इसका प्रभाव सचिव, मंत्री, नगर या ग्राम के प्रधान मनुष्य, मिथिला में निवास करने वाले, मल युद्ध करने वाले, पंजाब में निवास करने वाले, डॉक्टर, वैद्य, व्यापारी वर्ग, कठोर अस्त्र को चलाने वाले लोगों के लिए यह ग्रहण प्रतिकूल फलसूचक रहेगा।
यह कंकण सूर्यग्रहण पौष अमावस को दृष्टिगोचर हुआ, अत: इसका प्रभाव ब्राह्मण वर्ग तथा क्षत्रिय वर्ग के लोगों के लिए प्रतिकूल होगा। सैन्धव, कुकुर और विदेह देशवासियों के लिए भी कष्टप्रद रहेगा। सार में थोड़ी वृष्टि होगी, दुर्भिक्ष की स्थिति रहेगी तथा लोगों में भय व्याप्त रहेगा।