शनिवार को कर रहे हैं व्रत तो जान लें ये नियम, शनिदेव हो जाते हैं प्रसन्न
आज शनिवार है। आज के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। इन्हें बेहद ही क्रूर ग्रह माना गया है। जबकि ऐसा नहीं है। अगर शनिदेव की दृष्टि किसी व्यक्ति पर अच्छी हो तो उसे रंक से राजा बना देती है।
आज शनिवार है। आज के दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। इन्हें बेहद ही क्रूर ग्रह माना गया है। जबकि ऐसा नहीं है। अगर शनिदेव की दृष्टि किसी व्यक्ति पर अच्छी हो तो उसे रंक से राजा बना देती है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो हमारे जीवन पर ग्रहों का विशेष प्रभाव माना जाता है। ऐसे में जब हम शनि ग्रह का नाम सुनते हैं तो हमें लगता है कि यह दुख-दर्द का ही कारक है। लेकिन शनिदेव कर्मों के अनुसार व्यक्ति को फल देते हैं। लेकिन अगर यह आपकी कुंडली में यह ग्रह अशांत है तो शनि दोष से बचने और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा और व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इस दिन व्रत करने के कुछ नियम होते हैं। तो आइए जानते हैं इन नियमों को।
शनिवार व्रत के नियम:
इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाना चाहिए। फिर नित्यकर्मों से प्रसन्न होकर स्नानादि कर लेना चाहिए। इसके बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद शनिदेव की मूर्ति पर काला वस्त्र, फूल, काला तिल, धूप व तेल अर्पित करना चाहिए। फिर पीपल के पेड़ के तने पर सूत का धागा 7 बार बांधें। धागा बांधते-बांधते ही पेड़ की 7 बार परिकर्मा करें। इसके बाद शनिदेव के मंत्र का उच्चारण करें।
इस दिन व्यक्ति लोहे की वस्तु, धन आदि का दान अपनी सार्म्थयनुसार कर सकते हैं। ऐसा करने से परेशानी दूर हो जाती है। इसके अलावा माना जाता है कि अगर इस दिन काली चीज का दान किया जाए तो श्रेष्ठ होता है। शनिवार व्रत के दौरान नमक नहीं खाना चाहिए। इस दिन अगर नीले, बैंगनी या काले रंग के कपड़े पहने जाएं तो बेहतर और शुभ होता है। शनिवार का व्रत करने वाले लोगों को शनिदेव के साथ-साथ शिवजी और हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। यह बेहद कल्याणकारी होता है।
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