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Janmashtami 2020: 12 अगस्त 2020 को क्यों मनाएं जन्माष्टमी? ज्योतिषाचार्य से जानें इसका जवाब

Janmashtami 2020 जन्माष्टमी वो दिन है जिस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन की तैयारियों हर जगह चल रही हैं। इस दिन श्रीकृष्ण को बाल-गोपाल रूप में पूजा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:11 AM (IST)
Janmashtami 2020: 12 अगस्त 2020 को क्यों मनाएं जन्माष्टमी? ज्योतिषाचार्य से जानें इसका जवाब
Janmashtami 2020: 12 अगस्त 2020 को क्यों मनाएं जन्माष्टमी? ज्योतिषाचार्य से जानें इसका जवाब

Janmashtami 2020: जन्माष्टमी वो दिन है जिस दिन श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन की तैयारियों हर जगह चल रही हैं। इस दिन श्रीकृष्ण को बाल-गोपाल रूप में पूजा जाता है। कृष्ण भक्तों को इस दिन का इंताजर पूरे वर्ष रहता है। खासतौर से मथुरा और द्वारिका नगरी में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार लोग बहुत असमंजस में हैं जनमाष्टमी 11 तारीख को मनाई जाए या 12 तारीख को। अगर आप भी इस स्थिति में हैं तो आपके सवालों का जवाब हम इस आर्टिकल में दे रहे हैं।

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जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त: ज्योतिषाचर्य पंडित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, 12 अगस्त को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है। जन्माष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:27 बजे से 02:06 बजे तक रहेगा। जन्माष्टमी पर कृतिका नक्षत्र रहेगा। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र रहेगा जो 13 अगस्त तक रहेगा। पूजा का शुभ समय रात 12 बजकर 5 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक है। वैदिक या हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में ही मनाई जाती है। कई बार ऐसा होता है कि ज्योतिष गणना में तिथि और नक्षत्र के समय में अंतर पाया जाता है। यही कारण होता है कि तारीखों का मतभेद नजर आता है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। वहीं, इस वर्ष भी यही संयोग बना हुआ है। इसी की वजह से 11 तथा 12 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। हालांकि, कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहां 13 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इसी वजह से लोग बेहद असमंजस में है कि आखिर जन्माष्टमी मनाए जाने की मुख्य तिथि क्या है। ज्यादातर पंचांगों में 11 और 12 अगस्त को जन्माष्टमी है। लेकिन ऋषिकेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 13 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाए जाने की तैयारी की जा रही है।

वैष्णव मत के मुताबिक 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है। ऐसे में मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को ही जनमाष्टमी मनाई जाएगी। जगन्नाथपुरी, काशी और उज्जैन जैसे कुछ शहरों में 11 अगस्त की रात को कृष्ण जन्म होगा। वगृहस्थ लोगों के लिए जन्माष्टमी पर्व 11 अगस्त और साधु और सन्यासियों के लिए यह पर्व 12 अगस्त को होगा। जन्माष्टमी के दिन पर दक्षिणावर्ती शंख से भगवान कृष्ण को अभिषेक करना चाहिए। साथ ही पंचामृत भी अर्पित करना चाहिए। बाल-गोपाल को माखन मिश्री का भोग भी लगाना चाहिए।

12 अगस्त 2020 को जन्माष्टमी मनाने के तर्क: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के योग में हुआ था। हालांकि, इस बार यह तिथि और नक्षत्र एक ही दिन पर नहीं है। यह तिथि और नक्षत्र दो दिन बन रहा है। 12 अगस्त यानी मंगलवार को अष्टमी तिथि पूरे दिन और रातभर रहने वाली है। इसी के चलते इस वर्ष 12 अगस्त 2020 की रात में जन्माष्टमी का पर्व मनाना बेहद शुभ रहेगा। इसी दिन श्रीकृष्ण के लिए व्रत उपवास और पूजा पाठ करना भी उचित होगा।

बता दें कि अष्टमी तिथि 12 अगस्त 2020 को सुबह यानी सूर्योदय काल में रहेगी। लेकिन सुबह आठ बजे से ही तिथि में बदलाव हो जाएगा। 12 अगस्त का दिन अष्टमी और नवमी तिथि से युक्त रहेगा।  

डिस्क्लेमर-

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी. ''


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