पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि कैरियर के लिहाज से यह वर्ष आपके लिए अत्यधिक शुभ साबित होगा। राहु इस दौरान आप की राशि से दशम भाव में स्थित होगा जिसके चलते आपके करियर में अचानक प्रगति देखने को मिलेगी। कर्म भाव में राहु की मौजूदगी इस वर्ष आपके लिए ढेरों चुनौतियाँ लेकर आने वाले हैं। इसके अलावा इस वर्ष आप एक से अधिक स्रोतों से कमाई करने में भी कामयाब रहेंगे। इस साल मंगल आपके नौवें घर में स्थित है जिसके परिणाम-स्वरूप भाग्य आपके पक्ष में रहने वाला है और कार्यक्षेत्र में आप ढेरों तरक्की हासिल करने में कामयाब रहेंगे, साथ ही कार्यक्षेत्र पर आपके संबंधों में भी सुधार देखने को मिलेगा। अप्रैल का महीना आपके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल होगा, क्योंकि इस दौरान आपको कई स्रोतों से आए प्राप्त होगी साथ ही इस दौरान आपकी आय में वृद्धि होने की भी संभावना बेहद अधिक है। भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि पंचम भाव में सूर्य और बुध की युति बुधादित्य योग का निर्माण कर रही है। ऐसे में यह साल कागज़, कपड़े, और भोजन आदि से जुड़े लोगों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा। मई के महीने के बाद आपके ख़र्चों में वृद्धि होने लगेगी। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि, जितना संभव हो सके एक साधारण जीवन शैली को अपनाए तो आपके लिए बेहतर साबित होगासिंह राशि के जातकों के लिए आर्थिक दृष्टि से ये साल ठीक-ठाक रहने वाला है। इस साल आप अपनी आमदनी और अपने परिवार के सहयोग से धन अर्जित कर पाने में सफलता हासिल करेंगे। छोटी-छोटी सफलताओं के साथ आप बड़ी सफलता की ओर भी कदम बढ़ाएंगे। अगर इस साल आप कोई बड़ा निवेश करने की सोच रहे हैं तो यहाँ आपको बहुत सोच-समझकर कदम उठाने की ज़रूरत है पढ़ाई में किसी भी तरह का शार्ट-कट ना लें अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि यह साल सिंह राशि के जातकों के लिए पारिवारिक लिहाज से बेहद ही अनुकूल रहने वाला है। इस साल आप अपने पारिवारिक जीवन का खुल के आनंद लेंगे और आपको किसी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। चौथे भाव में शुक्र और पांचवें भाव में सूर्य की स्थिति इस बात को इंगित करती है कि, इस दौरान आपके घर का पारिवारिक वातावरण बहुत अच्छा रहने वाला है। आप अपने पेशेवर जीवन में अत्यधिक व्यस्त होने के बावजूद अपने परिवार के प्रति अपनी सभी जिम्मेदारियों को बेहद ही कुशलता से निभाने में कामयाब रहेंगे। इस दौरान आपको अपने जीवन साथी का पूरा सहयोग प्राप्त होगा।आपकी माता जी का इस वर्ष विशेष ख्याल रखें। आपके वैवाहिक जीवन का स्वामी शनि सप्तम भाव में बृहस्पति के साथ युति में स्थित है, जो दर्शाता है कि, इस दौरान आपको अपने वैवाहिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है इस वर्ष आपको अपने प्यार के मामलों में वांछित परिणाम हासिल करने के लिए अत्यधिक मेहनत और प्रयास डालने की जरूरत है और तभी आप अपने प्यार में मन-चाहा परिणाम हासिल कर सकेंगे। भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सिंह राशि के जातकों के लिए प्रेम और रोमांस का स्वामी बृहस्पति उनके छठे भाव में है और वहीं सूर्य आपके पांचवें भाव में है, जो इस बात को इंगित करता है कि आपके रिश्ते में इस दौरान किसी बड़े-बुजुर्ग के हस्तक्षेप की वजह से समस्याएं आ सकती हैं। इस अपने प्रेम जीवन या विवाहित जीवन में कुछ बदलाव की उम्मीद करेंगे। शिक्षा के लिहाज़ से इस वर्ष सिंह जातकों को मिश्रित परिणाम हासिल होंगे। शिक्षा का शासक मकर राशि के छठे भाव में स्थित है, इसलिए आपको सफलता तो मिलेगी लेकिन बेहद अधिक परिश्रम और प्रयास करने के बाद ही। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इसके अलावा इस राशि के जो छात्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी या फिर उच्च शिक्षा प्राप्त करने का विचार बना रहे हैं उनके लिए अप्रैल से सितंबर का महीना कुछ चुनौती-पूर्ण साबित हो सकता है, इस वर्ष सिंह राशि के जातकों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज़ से समय अनुकूल रहने वाला है। इस वर्ष-भर आप ऊर्जा-वान महसूस करेंगे और जैसे-जैसे समय आगे बढ़ेगा आप अपनी जीवन शक्ति में इज़ाफा महसूस करेंगे। सलाह दी जाती है कि आप संतुलित आहार का सेवन करें, खुद को शारीरिक तौर पर थकान देने से बचें और धूम्रपान और शराब आदि के सेवन से दूरी बनाकर रखें। भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष पंचम भाव में स्वास्थ्य के स्वामी बुधादित्य योग बना रहे हैं इसलिए सिंह राशि वालों के लिए वर्ष 2021 स्वास्थ्य के लिहाज़ से बेहद ही अच्छा रहने वाला है।
ज्योतिष उपाय
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि प्रतिदिन चावल, रोली या गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य देवता को जल अर्पित करें। लड्डू गोपाल की पूजा-पाठ करें। माता-पिता की सेवा और उनका सम्मान करें ।शनिवार के दिन सरसों के तेल में खुद की प्रतिमा को देखकर छाया दान करें।