वर्षों बाद आज गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है
श्रावण मास में गुरुवार के दिन वर्षों बाद गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन नक्षत्रों का राजा पुष्य 23 घंटे 12 मिनट रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार यह समय खरीदी तथा देव आराधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है।ज्योतिषाचार्य के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष
श्रावण मास में गुरुवार के दिन वर्षों बाद गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस दिन नक्षत्रों का राजा पुष्य 23 घंटे 12 मिनट रहेगा। ज्योतिषियों के अनुसार यह समय खरीदी तथा देव आराधना के लिए विशेष फलदायी माना गया है।ज्योतिषाचार्य के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत कम बनता है। इस बार गुरुवार के दिन व्यतिपात योग, कर्क राशि के चंद्रमा के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग 23 घंटे 12 मिनट रहेगा। पुष्य नक्षत्र की इतनी लंबी अवधि इसके धार्मिक व व्यापारिक महत्व को बढ़ाती है। यह दिन शिव कृपा प्राप्ति के लिए विशेष माना गया है।
मुहूर्त चिंतामणि तथा कालामृत ग्रंथ की मान्यता के अनुसार पुष्य नक्षत्र में अष्टाध्यायी रुद्र द्वारा भगवान शिव का अभिषेक करने से शारीरिक कष्ट का निवारण होता है। भक्त मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र द्वारा पंचामृत अभिषेक तथा शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।
शुभ संयोग में यह खरीदें
गुरु पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में स्वर्ण की खरीदी स्थाई समृद्धि का कारक मानी गई है। इसके साथ दो व चार पहिया वाहन, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, भूमि, भवन, बीमा पॉलिसी आदि की खरीदी करना श्रेयष्कर रहेगा।
देवगुरु का पूजन
गुरु पुष्य नक्षत्र में गोलामंडी स्थित बृहस्पति मंदिर में देवगुरु का पूजन होगा। सुबह पीत पूजन तथा दोपहर में आरती होगी। दिनभर दर्शनार्थियों का तांता लगा रहेगा। शाम को भगवान का विशेष शृंगार किया जाएगा।