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Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: आज विश्वकर्मा पूजा पर करें यह मंत्र जाप, आरती से प्रसन्न होंगे भगवान

Vishwakarma Puja Mantra And Aarti देवों के शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष कन्या संक्रांति या 17 सितंबर को होता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन आपको भगवान विश्वकर्मा के मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा के समय आपको भगवान विश्वकर्मा की आरती भी करनी चाहिए।

By Kartikey TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 17 Sep 2021 11:04 AM (IST)
Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: आज विश्वकर्मा पूजा पर करें यह मंत्र जाप, आरती से प्रसन्न होंगे भगवान
Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: आज विश्वकर्मा पूजा पर करें यह मंत्र जाप, आरती से प्रसन्न होंगे भगवान

Vishwakarma Puja Mantra And Aarti: देवों के शिल्पी और वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा हर वर्ष कन्या संक्रांति या 17 सितंबर को होता है। विश्वकर्मा पूजा के दिन दुकान, कार्यालय, कारखाने, उद्योग आदि में भगवान विश्वकर्मा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है। विश्वकर्मा जी के आशीर्वाद से लोगों को बिजनेस और नौकरी में तरक्की मिलती है, परिवार की उन्नति होती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन आपको भगवान विश्वकर्मा के मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा के समय आपको भगवान विश्वकर्मा की आरती भी करनी चाहिए। आरती करने से पूजा में होने वाली कमी दूर हो जाती है। आरती से पूजा संपूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं कि विश्वकर्मा पूजा के दिन किस मंत्र का जाप करना चाहिए और भगवान विश्वकर्मा की आरती क्या है।

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विश्वकर्मा पूजा 2021 मंत्र

विश्वकर्मा पूजा के दिप प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर आपको साफ कपड़े पहनने चाहिए। फिर आपको रुद्राक्ष की माला से नीचे दिए गए मंत्र का जाप एक माला यानी 108 बार करनी चाहिए। इस बात का ध्यान रहे कि आप मंत्र का उच्चारण सही करें अन्यथा आपको इस मंत्र जाप का लाभ नहीं मिलेगा।

मंत्र: ओम आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:।

भगवान विश्वकर्मा की आरती

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा।

युग–युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा...।।

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं।

भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा...।।

निर्बल हैं तुझसे बल मांगते, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं।

श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा...।।

चरणों से हमको लगाए ही रखना, छाया में अपने छुपाए ही रखना।

धर्म का योगी बनाए ही रखना, हे विश्वकर्मा...।।

सृष्टि में तेरा है राज बाबा, भक्तों की रखना तुम लाज बाबा।

धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा...।।

धन, वैभव, सुख–शान्ति देना, भय, जन–जंजाल से मुक्ति देना।

संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा...।।

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक, तुम कष्टहर्ता।

तुम ज्ञानदानी भण्डार भर्ता, हे विश्वकर्मा...।।

भगवान विश्वकर्मा की जय। भगवान विश्वकर्मा की जय।

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


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