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Vinayak Chaturthi 2022: आज है वरद चतुर्थी, जानें-तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayak Chaturthi 2022 हिंदी पंचांग के अनुसार चतुर्थी की तिथि 5 जनवरी को दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट पर शुरू होकर 6 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 6 जनवरी को 12 बजकर 29 मिनट तक भगवान श्री गणेश की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 02:52 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jan 2022 05:00 AM (IST)
Vinayak Chaturthi 2022: आज है वरद चतुर्थी, जानें-तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि
Vinayak Chaturthi 2022: आज है वरद चतुर्थी, जानें-तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Vinayak Chaturthi 2022: वर्ष के प्रत्येक माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार पौष माह में शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 6 जनवरी को है। इस दिन वरद चतुर्थी मनाई जाएगी। सनातन शास्त्र में चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-उपासना करने का विधान है। भगवान गणेश कई नामों से जाने जाते हैं। इन्हें लंबोदर, विनायक, विघ्नहर्ता, गजानन आदि कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुखों का अंत होता है। सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। आइए, वरद चतुर्थी की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि जानते हैं-

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वरद चतुर्थी की तिथि

हिंदी पंचांग के अनुसार, चतुर्थी की तिथि 5 जनवरी को दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट पर शुरू होकर 6 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 6 जनवरी को दिन में 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट तक भगवान श्री गणेश की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इसके अलावा, चौघड़िया मुहूर्त में भी साधक गणपति बप्पा की पूजा आराधना कर सकते हैं।

पूजा विधि

वरद चतुर्थी पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर व्रत संकल्प लें। इसके बाद पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा फल, फूल और मोदक से करें। इस समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

दिनभर उपवास रखें। व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकते हैं। शाम में आरती अर्चना कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा पाठ संपन्न कर व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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