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Varad Chaturthi 2022: वरद चतुर्थी के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, जीवन में होगा सुख का आगमन

Varad Chaturthi 2022 पौष माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 जनवरी को है। इस चतुर्थी को वरद चतुर्थी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुखों का अंत होता है।

By Umanath SinghEdited By: Published: Mon, 03 Jan 2022 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 03 Jan 2022 11:18 AM (IST)
Varad Chaturthi 2022: वरद चतुर्थी के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, जीवन में होगा सुख का आगमन
Varad Chaturthi 2022: वरद चतुर्थी के दिन ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, जीवन में होगा सुख का आगमन

Varad Chaturthi 2022: वेदों, पुराणों और एवं शास्त्रों में चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-उपासना करने का विधान है। यह पर्व हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। इस प्रकार पौष माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 6 जनवरी को है। इस चतुर्थी को वरद चतुर्थी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा-उपासना करने से व्यक्ति के जीवन से सभी दुखों का अंत होता है। सनातन धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। आइए, वरद चतुर्थी की तिथि और पूजा विधि जानते हैं-

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वरद चतुर्थी की तिथि

हिंदी पंचांग के अनुसार, चतुर्थी की तिथि 5 जनवरी को दोपहर 2 बजाकर 34 मिनट पर शुरू होकर 6 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 6 जनवरी को दिन में 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट तक भगवान श्री गणेश की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इसके अलावा, चौघड़िया मुहूर्त में भी साधक गणपति बप्पा की पूजा आराधना कर सकते हैं।

वरद चतुर्थी पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ़-सफाई करें। इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान और आमचन कर व्रत संकल्प लें। अब पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद पंचोपचार कर भगवान गणेश की पूजा फल, फूल और मोदक से करें। दिनभर उपवास रखें। भगवान गणेश जी की कृपा पाने के लिए दूर्वा और मोदक जरूर भेंट करें। एक चीज ध्यान रखें कि दूर्वा हमेशा गणेश जी के मस्तक पर अर्पित करें। इससे गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। व्रती चाहे तो दिन में एक फल और एक बार जल ग्रहण कर सकते हैं। शाम में आरती अर्चना कर फलाहार करें। अगले दिन पूजा पाठ संपन्न कर ब्राह्मणों को दान देकर व्रत खोलें।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'


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