Move to Jagran APP

Utpanna Ekadashi 2021: उत्पन्ना एकादशी पर करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Utpanna Ekadashi 2021उत्पन्ना एकादशी के दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु का व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन में इन मंत्रों का जाप करने से भगवान विष्णु जरूर प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

By Jeetesh KumarEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 01:17 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 06:00 AM (IST)
Utpanna Ekadashi 2021: उत्पन्ना एकादशी पर करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
Utpanna Ekadashi 2021: उत्पन्ना एकादशी पर करें विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Utpanna Ekadashi 2021: हिंदी पंचांग के अनुसार कल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु की योग शक्ति ने मुर नाम के राक्षस का वध किया था। इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से योग शक्ति और आत्मबल की प्राप्ति होती है। चतुर्मास के बाद पहली एकादशी तिथि होने के कारण इस दिन विष्णु पूजन विशिष्ट फलदायी माना जाता है।

loksabha election banner

उत्पन्ना एकादशी का व्रत कल 30 नवंबर, दिन मंगवार को रखा जाएगा। इस व्रत का पारण 01 दिसंबर को द्वादशी तिथि में किया जाएगा।उत्पन्ना एकादशी के दिन विधि पूर्वक भगवान विष्णु का व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन में इन मंत्रों का जाप करने से भगवान विष्णु जरूर प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

1.विष्णु मूल मंत्र – ये भगवान विष्णु का मूल मंत्र इस मंत्र का जाप करने से विष्णु जी जरूर प्रसन्न होते हैं।

ॐ नमोः नारायणाय॥

2. भगवते वासुदेवाय मंत्र – भगवान विष्णु के इस मंत्र का जाप करने से भगवत कृपा की प्राप्ति होती है।

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥

3. विष्णु गायत्री मंत्र – विष्णु गायत्री मंत्र सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने का अचूक मंत्र है।

ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥

4. श्री विष्णु मंत्र – श्री हरि विष्णु का यह मंत्र मंगलकारी है और जीवन के सभी दुख दूर करके सुख और समृद्धि प्रदान करता है।

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

5. विष्णु स्तुति – भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनकी स्तुति का पाठ करना सबसे लाभ दायी है।

शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।

लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं

वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥

यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे: ।

सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा: ।

ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो

यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम: ॥

डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.