Shatila Ekadashi 2022: कल है षटतिला एकादशी, जानिए इस दिन क्या करने की है मनाही
Shatila Ekadashi 2022 धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पापहारिणी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन तिल दान या तिलांजलि करने का विधान भी है।
Shatila Ekadashi 2022: कल षटतिला एकादशी है। हिंदी पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी मनाई जाती है। सनातन धर्म में एकादशी को शुभ तिथि की संज्ञा दी गई है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि षटतिला एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति और मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस एकादशी को पापहारिणी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन तिल दान या तिलांजलि करने का विधान भी है। इस व्रत के कई कठोर नियम भी है। इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। आइए जानते हैं कि षटतिला एकादशी के दिन क्या करें और किन चीजों को करने की मनाही है-
-शास्त्रों में षटतिला एकादशी के दिन तामसिक भोजन करने की मनाही है। अत: इस दिन तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें। साथ ही षटतिला एकादशी को लहसुन और प्याज युक्त चीजें न खाएं।
-एकादशी के दिन नॉन वेज चीजों का सेवन भूलकर न करें। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों के सेवन से कामेच्छा बढ़ती है। इससे व्रत भंग होता है।
-पंडितों का कहना है कि एकादशी के दिन बैंगन का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
-एकादशी के दिन सोमरस का सेवन बिल्कुल न करें। आसान शब्दों में कहें तो मदिरा या शराब का सेवन न करें।
-एकादशी के दिन सेम खाने की भी मनाही है। इसके लिए सेम भी न खाएं।
-एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अतः सात्विक भाव से एकादशी का व्रत करना श्रेष्ठकर होता है।
क्या करें
एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है। इसके लिए मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी का पौधा जरूर लगाएं। एक चीज का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा पूर्व की दिशा में लगाएं।
-एकादशी को गेंदे का फूल लगाना भी शुभ होता है। साधक घर के उत्तर दिशा में गेंदे का फूल लगा सकते हैं।
-धार्मिक मान्यता है कि आंवले के पौधे में भगवान विष्णु जी वास करते हैं। अतः मोक्षदा एकादशी के दिन घर पर आंवले का पौधा लगाएं
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