इस तरह हर परेशानियों से छुटकारा दिलाता है सुन्दरकाण्ड का पाठ
सुन्दरकाण्ड का पाठ मन को शांति और सुकून देता है मानसिक परेशानियों और व्याधियो से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है।
सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से पहले ये मन में विश्वास रखे की जैसे, हनुमानजी ने श्री राम जी के सब काज सवारे हमारे भी सब कष्ट हरेंगे।सुंदरकांड में तीन श्लोक, साठ दोहे तथा पांच सौ छब्बीस चौपाइयां हैं । साठ दोहों में से प्रथम तीस दोहों में विष्णुस्वरूप श्री राम के गुणों का वर्णन है । सुंदर शब्द इस कांड में चौबीस चौपाइयों में आया है । सुंदरकांड के नायक रूद्रावतार श्रीहनुमान हैं ,सुन्दरकाण्ड के पाठ से बहुत सारे लाभ होते है।
सुन्दरकाण्ड के पाठ से बहुत सारे लाभ होते है इसका पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है। ये आत्मविश्वासमें बढोतरी करता है और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है, बुद्धि कुशाग्र होती है, अगर बहुत छोटे बच्चे है तो उनके माता या पिता उनके लिए इसका पाठ करे। इसका पाठ मन को शांति और सुकून देता है मानसिक परेशानियों और व्याधियो से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है।
जिन लोगो को गृह कलेश की समस्या है इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते है।
अगर घर का मुखिया इसका पाठ घर में रोज करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है।
घर में या अपने आप में कोई भी नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है।
अगर आप सुनसान जगह पर रहते है और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उस स्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती है और आत्मबल बढ़ता है।
जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो इसके पाठ निश्चित से आराम मिलेगा।
जो लोग क़र्ज़ से परेशान है उनको ये पाठ शांति भी देता है और क़र्ज़ मुक्ति में सहायक भी होता है।
जिस घर में बच्चे माँ पिता जी के संस्कार को भूल चुके हो, गलत संगत में लग गए हो और माँ पिता जी का अनादर करते हो वहा भी ये पाठ निश्चित लाभकारी होता है।
किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक रोग भले क्यों न हो इसका पाठ लाभकारी होता है।
भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है।
नौकरी में प्रमोशन में भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है।
घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रही हो या न भी मिल पा रही हो तो भी आप अगर इसका पाठ करते है तो सम्बंधित व्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी।
सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से पहले कुछ बाते धयान रखे--
सुन्दरकाण्ड का पाठ स्नान करके, स्वक्छ वस्त्र धारण करके करे।
सुन्दरकाण्ड का पाठ सुबह या शाम करे।
पाठ करने से पहले चौकी पर हनुमान जी की फोटो/मूर्ति रख कर , घी का दिया जला कर करे.(धयान रखे दिया पाठ के पुरे समय जले )।
भोग के लिए फल/गुड़-चना/ लड्डू/ या कोई भी मिष्टान रखे। (कहा जाता है की ,जहाँ जहाँ राम कथा होती है,हनुमान जी स्वयं उपस्थित होते है।
पूजा के बीच में न उठे,न किसी से बोले।
सुन्दरकाण्ड प्रारम्भ करने के पहले हनुमानजी व् राम चन्द्र जी का आवाहन जरूर करें।
जब सुन्दर कांड समाप्त हो जाये तो भगवान को भोग लगा कर ,आरती करके ,उनकी विदाई भी करे।
अगर चाहे तो हर दोहे के बाद सम्पुट लगाये।
सम्पुट--
राम सिया राम ,सिया राम जय जय राम ।।
मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी।।
या
राम सिया राम ,सिया राम जय जय राम।।
दीन दयाल बिरिदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
या
राम सिया राम ,सिया राम जय जय राम।।
पवन तनय बल पवन समाना। बुधि बिबेक बिग्यान निधाना॥
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥